Punjab News: पंजाब के आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब विधानसभा ने मंगलवार (3 सितंबर)  को ऐतिहासिक बिल 'पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन (संशोधन) एक्ट-2024' को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. इसके साथ ही प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एन.ओ.सी.) की शर्त को समाप्त कर दिया गया.


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पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन (संशोधन) 2024 बिल पास


विधानसभा के सदन में 'पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन (संशोधन) एक्ट-2024' पर चर्चा को समेटते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस संशोधन का मकसद जहां अवैध कॉलोनियों पर शिकंजा कसना है, वहीं छोटे प्लॉट मालिकों को राहत देना है. उन्होंने कहा कि इस बिल से आम लोगों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि इस संशोधन से लोगों को अपने प्लॉट की रजिस्ट्री करवाने में आने वाली समस्याओं का समाधान हो जाएगा. साथ ही अवैध कॉलोनियों पर रोक लगेगी.


संशोधन में दोषी व्यक्तियों के लिए जुर्माने और सजा का प्रावधान


भगवंत मान ने कहा कि यह संशोधन दोषी व्यक्तियों के लिए जुर्माने और सजा का प्रावधान भी करता है. हालांकि, इस ऐतिहासिक फैसले का मकसद आम लोगों की भलाई सुनिश्चित करना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि नए संशोधन के मुताबिक कोई भी व्यक्ति जिसने 31 जुलाई, 2024 तक अवैध कॉलोनी में स्थित 500 वर्ग गज तक के क्षेत्र के लिए, एक पावर ऑफ अटॉर्नी, स्टांप पेपर पर बेचने के लिए अनुबंध या कोई अन्य ऐसा दस्तावेज़ जिसके बारे में सरकार अधिसूचना द्वारा निर्धारित कर सकती है, के माध्यम से अनुबंध किया है तो उस क्षेत्र के लिए एन.ओ.सी. की जरूरत नहीं होगी.


प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए आसान हुई सरकारी प्रकिया, झंझट खत्म 


उन्होने कहा कि इस संपत्ति का मालिक अपने प्लॉट की रजिस्ट्री संबंधित रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार या संयुक्त सब-रजिस्टार के पास करवा सकता है और ऐसे क्षेत्र को पंजीकृत करवाने के संबंध में यह छूट सरकार द्वारा इस संबंध में नोटिफिकेशन के माध्यम से नोटिफाई की गई तिथि तक लागू होगा. इस रजिस्ट्रेशन के लिए मकान निर्माण और शहरी विकास विभाग की संबंधित विकास प्राधिकरण या स्थानीय सरकार विभाग की संबंधित स्थानीय शहरी संस्था से एन.ओ.सी. प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी.


नोटिफाइड डेट बीत जाने के बाद भी मिल सकेगा छूट का फायदा


सीएम मान ने कहा कि इस प्रकार के बिक्री दस्तावेज़ की सूचना रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार या संयुक्त सब-रजिस्ट्रार द्वारा संबंधित प्राधिकरण को उपलब्ध करवाई जाएगी. उन्होंने बताया कि इसके तहत दी गई छूट की अधिसूचित तिथि बीत जाने के बाद भी अगर इस संपत्ति को आगे नहीं बेचा गया है तो रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार या संयुक्त सब-रजिस्टार द्वारा ऐसी संपत्ति के संबंध में अगले बिक्री दस्तावेज़ों को संबंधित विकास प्राधिकरणों/स्थानीय सरकार को सूचित करते हुए पंजीकृत किया जाएगा.


नियमों को तोड़ने पर 5 से 10 साल की सजा, 10 लाख तक जुर्माना


मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्ट के तहत पंजीकृत कोई भी व्यक्ति या प्रमोटर या उसका एजेंट और कोई अन्य प्रमोटर, जो बिना किसी उचित कारण के, एक्ट की धारा-5 के उपबंधों का पालन करने में विफल रहता है या उल्लंघन करता है तो दोषी पाए जाने पर उसे कम से कम 25 लाख रुपए जुर्माना हो सकता है. इसे 5 करोड़ रुपए तक बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही उसे कम से कम पांच साल की कैद की सजा दी जाएगी. इसे दस साल तक बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अवैध कॉलोनाइज़र ने लोगों को हरा-भरा सपना दिखाकर लूटा और उन्होंने बिना मंजूरी के कॉलोनियों को बेच दिया, जबकि ये कॉलोनियां स्ट्रीट लाइट, सीवरेज और अन्य बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. 


आम लोगों के प्लॉटों को कानूनी जामा पहनाने के लिए बड़ा फैसला


भगवंत मान ने कहा कि मजबूर लोग इन कॉलोनियों में जरूरी सुविधाएं हासिल करने के लिए परेशान होते हैं. उन्होंने कहा कि कॉलोनाइज़र अवैध तरीके से पैसा इकट्ठा करते हैं, लेकिन उनकी गलत हरकतों का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने तीन बार अवैध कॉलोनियों को नियमित किया, जबकि हर बार यह शर्त रखी गई थी कि यह राहत आखिरी बार दी जा रही है. उन्होंने कहा कि यह फैसला आम लोगों के प्लॉटों को कानूनी जामा पहनाने के लिए लिया है, न कि अवैध कॉलोनियों को.


निवेशकों की सुविधा के लिए राज्य सरकार का रंगीन स्टाम्प पेपर पेश


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निवेशकों को आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने की सुविधा देने के लिए रंगीन स्टाम्प पेपर पेश किए हैं. उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि जमीन का उपयोग केवल उसी मकसद के लिए किया जाए, जिसके लिए निवेशकों ने मंजूरी मांगी थी. भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकारों के लंबे कुशासन के दौरान अवैध कॉलोनियों में बढ़त हुई क्योंकि पिछली सरकारों ने अवैध कॉलोनाइज़र की सरपरस्ती की थी.


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सीएम भगवंत मान ने कहा-  इस बिल से पंजाब के करोड़ों लोगों को राहत


उन्होंने कहा कि इस बिल से उन करोड़ों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई को गलती से अवैध कॉलोनियों में लगा दिया. उन्होंने कहा कि इन भोले-भाले लोगों ने अपना पैसा घर बनाने के लिए लगाया था, लेकिन अवैध कॉलोनियों के कारण समस्याओं में फंस गए. भगवंत मान ने कहा कि अवैध कॉलोनाइज़र को शरण देने वाले नेताओं को जनता कभी माफ नहीं करेगी और लोगों ने उन्हें पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है.


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गलतियों के लिए माफी मांगी जा सकती है, लेकिन अपराध माफ नहीं होते


मुख्यमंत्री ने कहा कि अब नेता अपने किए गए बुरे कामों की माफी मांग रहे हैं, जबकि उन्हें खुद नहीं पता कि उन्होंने क्या गलती की है. उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि ये नेता अब अपने किए की माफी मांग रहे हैं, लेकिन इन्हें एक बात याद रखनी चाहिए कि गलतियों के लिए माफी मांगी जा सकती है, लेकिन अपराध माफ नहीं होते. भगवंत मान ने कहा कि इन नेताओं ने राज्य और यहां के लोगों के खिलाफ घिनौने अपराध किए हैं, जिन्हें कभी भी माफ नहीं किया जा सकता.


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