चंडीगढ़: जेलों में कोरोना वायरस के खतरे को टालने के लिए पंजाब सरकार 5800 से अधिक ऐसे विचाराधीन कैदियों को रिहा कर सकती है जो किसी छोटे-मोटे जुर्म या फिर नशे की थोड़ी मात्रा के आरोप में पकड़े गए हों. हालांकि इस पर सरकार की तरफ से फैसला लेना अभी बाकी है. जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने सरकार को यह प्रस्ताव भेजा है. जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने बताया कि उन्होंने यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के जज की तरफ से जेलों में बंद कैदियों को कोरोना से बचाने के लिए किये जा रहे प्रबंधों के बारे में पूछे गए सवाल को ध्यान में रखते हुए सरकार को भेजा है.


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जेल मंत्री ने कहा कि ऐसे कैदियों की सूची बनाकर जिला पुलिस अधीक्षकों से भी यह पूछा गया है कि इन कैदियों को रिहा करने पर कानून व्यवस्था की क्या रह सकती है. जेल मंत्री के अनुसार जेलों में कैदियों को कोरोना से बचाए रखने के लिए हर कैदी को दो-दो मास्क, सेनिटाइजर दिए जा रहे हैं.


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जबकि जेलों को हाईजैनिक किया जा रहा है. जेल मंत्री के अनुसार बड़ी जेलों में थोड़े से स्थान या फिर छोटी जेलों को आइसोलेटेड किये जाने के बारे भी विचार किया जा रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जा सकते. इसके साथ कैदियों की मुलाकातों पर भी फिलहाल रोक लगा दी गई है.


पंजाब की सभी 24 केंद्रीय और जिला जेलों में करीब 24000 कैदी हैं हालांकि जेलों की क्षमता करीब 23000 तक कैदियों को रखने की है. पंजाब की जेलों में 14000 कैदी विचाराधीन हैं. फिलहाल यदि सरकार इतनी संख्या में कैदियों को रिहा करने का फैसला करती है तो कानून व्यवस्था को लेकर सरकार के सामने जरूर एक चुनौती खड़ी हो सकती है.