चंडीगढ़: शराब, मादक पदार्थों और हिंसा को महिमामंडित करने वाले पंजाबी गानो को लेकर गायक अब पंजाब पुलिस की नजरों में आ गए हैं. पुलिस इस बात को लेकर चिंतित है कि गानों में शराब और हिंसा के महिमामंडन से युवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है, इसलिए वह गायकों से इससे बचने की अपील कर रही है. 


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एक अधिकारी ने बताया कि पंजाब के पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने युवाओं को अवैध गतिविधियों से बचाने के एक अभियान के तहत सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) को अपने अपने क्षेत्रों में रहने वाले गायकों से मिलने और उनसे गानों में आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल से बचने की अपील करने का निर्देश दिया है. 


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सामाजिक जिम्मेदारी को समझें
बटाला के एसएसपी उपिंदरजीत सिंह घुम्मण ने कहा, ‘‘हम गायकों से कह रहे हैं कि वे अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझें.  इन दिनों गानों में शराब, हथियारों, गोला बारूद का महिमामंडन किया जा रहा है जिससे बहुत सारे लोग खासकर युवाओं में उनका अनुसरण करने एवं आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने की प्रवृत्ति बनती जा रही है. ’’ उन्होंने कहा कि पुलिस उनसे अपने गानों या वीडियो में शराब, हथियारों या गुंडों को आकर्षक रूप में पेश ना करने को कह रही है. 


नशे के खिलाफ जंग
पिछले साल पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने कहा था कि राज्य में नशे की समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार पुख्ता प्रयास कर रही है और प्रदेश में नशे की आपूर्ति प्रणाली के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. पंजाब राज्य बाल विकास आयोग की तरफ से स्थानीय चिकित्सा महाविद्यालय में आयोजित एक संगोष्ठि को संबोधित करते हुए मोहिंद्रा ने कहा था कि नशे की समस्या को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार ने एक विशेष कार्य बल का गठन भी किया है.


उन्होंने आरोप लगाया कि शिरोमणि अकाली दल, भाजपा के दस साल के शासनकाल में पंजाब बहुत ‘‘खराब’’ दौर से गुजरा है. हालांकि, कांग्रेस ने पंजाब को नशे की समस्य से बचाने का संकल्प लिया है. मंत्री ने दावा किया कि मौजूदा व्यवस्था में राज्य में नशे की आपूर्ति प्रणाली को तोड़ने में बड़ी सफलता हासिल की है.


इनपुट भाषा से भी