चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस में जारी आंतरिक कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है और अब कई सालों से राजनीतिक विरोधी रहे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा (Partap Singh Bajwa) साथ आ गए हैं. इससे अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को बड़ा झटका लगा है.


खाने के टेबल पर गिले-शिकवे किए दूर


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पंजाब के राजनैतिक सूत्रों के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) अपने धुर विरोधी प्रताप सिंह बाजवा (Partap Singh Bajwa) से मिलने पहुंचे और दोनों ने खाने की टेबल पर गिले-शिकवे दूर किए. दरअसल, दोनों नेताओं को नवजोत सिंह सिद्धू से टेंशन माना जाता है.


नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा झटका


नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) ने कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, लेकिन बाजवा और कैप्टन की मुलाकात से उन्हें बड़ा झटका लगा है. दरअसल, पंजाब में कांग्रेस में जारी अंतर्कलह के बीच सिद्धू को लेकर आलाकमान रूख अख्तियार कर रहा है और उन्हें पार्टी या फिर सरकार में बड़ी जिम्मेदारी देने से रोकने के लिए दो धुर विरोधी साथ आ गए हैं.


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पंजाब एकता पार्टी का कांग्रेस में विलय


पंजाब विधान सभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैरा और दो अन्य विधायकों ने गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की और अपने दल 'पंजाब एकता पार्टी' का कांग्रेस में विलय करने की घोषणा की. खैरा और दो अन्य विधायकों जगदेव सिंह और पिरमल सिंह ने राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की. इस मौके पर कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत भी मौजूद थे.


खैरा और ये दो विधायक तीन जून को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए थे. ये तीनों पिछले विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर निर्वाचित हुए थे, हालांकि बाद में पार्टी नेतृत्व से कथित टकराव के कारण तीनों को आप से बाहर कर दिया गया. इसके बाद खैरा ने पंजाब एकता पार्टी बनाई. सुखपाल सिंह खैरा पहले कांग्रेस में रह चुके हैं और कांग्रेस छोड़ने के बाद वह दिसंबर 2015 में आप में शामिल हो गए थे. वह 2017 में आप के टिकट पर वह भोलथ विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे.