MEA On Indian Navy Officers: कतर में 8 भारतीयों की सजा मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रेस ब्रीफिंग में अपडेट दिया है. उन्होंने कहा है कि भारतीयों की मौत की सजा घटाई गई है. अदालत का फैसला हमारे पास है. हमारी लीगल टीम उसे देख रही है. हम यह बता सकते हैं कि मृत्युदंड को घटाकर कारावास में बदला गया है. सजा भी अलग अलग है. इस फैसले के खिलाफ कतर की सर्वोच्च अदालत में अपील के लिए 60 दिन का वक्त है. 


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'सजा अलग-अलग है'
असल में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कई अपडेट दिए हैं. कतर मामले में उनके बयान का मतलब है कि मौत की सजा घटाई जरूर गई है लेकिन ऐसा लग रहा है कि सजा अलग-अलग है. अब देखना होगा कि इस मामले पर भारत क्या कदम उठाता है. इससे पहले नौसेना के इन पूर्व कर्मियों के परिवारों ने भी कहा था कि वे अब इस सजा के खिलाफ भी अपील करेंगे. विदेश मंत्रालय के इस बयान का मतलब यही है कि सभी की सजा अलग है.


पिछले साल अगस्त में अरेस्ट
मालूम हो कि इन आठ भारतीयों को इजरायल के लिए जासूसी के आरोप में अक्टूबर में मौत की सजा सुनाई गई थी. भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद उनकी मौत की सजा कम कर दी गई थी. बता दें कि दोहा स्थित अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज के साथ काम करने वाले लोगों को पिछले साल अगस्त में अरेस्ट किया गया था. इनमें पूर्णेंदु तिवारी, सुगुनाकर पकाला, अमित नागपाल और संजीव गुप्ता कमांडर शामिल हैं. वहीं नवतेज सिंह गिल, बीरेंद्र कुमार वर्मा और सौरभ वशिष्ठ कैप्टन हैं, जबकि आठवां शख्‍स रागेश गोपकुमार है. 


ईरान विस्फोट पर भी प्रतिक्रिया
वहीं इससे पहले विदेश मंत्रलाय ने ईरान विस्फोट पर भी प्रतिक्रिया दी थी. भारत ने गुरुवार को कहा कि वह ईरान के करमान शहर में हुए भीषण बम विस्फोटों से स्तब्ध और दुखी है तथा खाड़ी देश की सरकार और लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त करता है. ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की कब्र के पास बुधवार को दो बम विस्फोटों में कम से कम 95 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ईरान के करमान शहर में हुए भीषण बम विस्फोटों से हम स्तब्ध और दुखी हैं. इस कठिन समय में हम ईरान की सरकार और लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं