अमन कपूर, आबु धाबी: भारत-चीन सीमा पर तनातनी के बीच रफाल (Rafale) विमान भारत आ रहे हैं और अंबाला एयरबेस पर इनके टचडाउन को लेकर देश में हर कोई उत्साहित है. चीन और पाकिस्तान की नजर भी फ्रांस से शुरू हुई रफाल की इस यात्रा पर है क्योंकि इमरान और शी जिनपिंग को भी इस बात का अंदाजा है कि रफाल से मिली मजबूती के बाद भारत की वायुसेना से टकराना मुश्किल हो जाएगा.


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लड़ाकू विमान रफाल की तैनाती चीन की सीमा से लगभग 300 किलोमीटर दूर अंबाला एयरबेस में की जाएगी. जिसके चलते अंबाला एयरबेस में भी रफाल को लेकर पुख्ता बंदोबस्त कर लिए गए हैं. वहीं सुरक्षा के मद्देनजर भी अंबाला एयरबेस को लेकर प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं. जहां रफाल को लेकर एयरबेस पहले से ही तैयार हैं वहीं अब एयरफोर्स और अंबाला प्रशासन ने एयरबेस के 3 किलोमीटर के दायरे को नो ड्रोन जोन घोषित कर दिया है.


अंबाला एयरबेस पर बंदोबस्त को लेकर जानकारी देते हुए अंबाला छावनी के DSP ने बताया कि ये अंबाला के लिए गर्व की बात है और अगर कोई नियमों की उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.


फ्रांस के मेरिनैक एयरबेस से कल सोमवार को उड़ान भरने के बाद 5 रफाल विमान 5000 किलोमीटर का सफर तय करके यूएई के अल दफरा एयरबेस पर पहुंच चुके हैं यानी अब सिर्फ 2000 किलोमीटर का फासला और बचा है जब अंबाला एयरबेस पर रफाल का टचडाउन होगा. इस उड़ान में रफाल विमानों के साथ हवा में ईंधन भरने वाला एक विमान भी मौजूद था. 7 घंटे से ज्यादा लंबी इस उड़ान में रफाल विमानों में एक से अधिक बार ईंधन भरा गया. फ्रांस में 5 और रफाल विमान तैयार हो चुके हैं और उन फाइटर जेट्स पर भारतीय पायलट इस समय ट्रेनिंग ले रहे हैं.


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रफाल से टकरा सके इतना दम तो चीन-पाकिस्तान के पास मौजूद लड़ाकू विमानों में भी नहीं है. एक रफाल एक समय में 8 दुश्मनों पर नजर रख सकता है और उन पर हमला भी कर सकता है. अब भारत के एक रफाल का सामना करने के लिए पाकिस्तान के दो F-16 लड़ाकू विमान भी कम पड़ जाएंगे. ये पाकिस्तान की मिसाइलों को भी धोखा दे देगा और सैकड़ों किलोमीटर की दूरी से उनकी निगरानी भी करेगा. कुल मिलाकर रफाल के सामने पाकिस्तान के सभी हथियार पुराने नजर आएंगे.


चीन और पाकिस्तान दोनों को अंदाजा है कि रफाल आने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी और पाकिस्तान के F-16 और चीन के J-11 की इनके आगे एक नहीं चलेगी.