संसदीय रक्षा कमेटी की बैठक से Rahul Gandhi का वॉकआउट, LAC पर चाहते थे चर्चा
संसदीय रक्षा कमेटी (Defence Parliamentary Committee) द्वारा राहुल गांधी (Rahul gandhi) की मांग खारिज किए जाने के बाद तमाम कांग्रेसी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया.
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने संसदीय रक्षा कमेटी (Defence Parliamentary Committee) का वॉकआउट कर दिया. न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, रक्षा कमेटी के सामने राहुल गांधी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) और डोकलाम (Doklam) के मुद्दे पर चर्चा करने की मांग कर रहे थे लेकिन कमेटी के अध्यक्ष ने इसकी मंजूरी नहीं दी.
'विदेश एवं रक्षा नीति राजनीतिक हथंकडा बनी'
संसदीय रक्षा कमेटी (Defence Parliamentary Committee) द्वारा मांग खारिज किए जाने के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) तमाम कांग्रेसी सांसदों के साथ वॉकआउट कर गए. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने विदेश एवं रक्षा नीति को राजनीतिक हथंकडा बनाकर देश को कमजोर कर दिया है.
विपक्षी दलों ने भी किया राहुल का समर्थन
सूत्रों के मुताबिक भाजपा सांसद जुआल ओरांव की अध्यक्षता वाली समिति में शामिल कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने भी राहुल गांधी का समर्थन किया. एक सूत्र ने बताया, ‘बैठक के एजेंडे में छावनी बोर्डों के कामकाज पर चर्चा करना शामिल था. राहुल गांधी ने कहा कि पिछली कुछ बैठकों से लगातार इसी पर बात हो रही है. उन्होंने कहा कि इस पर बात हो, लेकिन चीन सीमा पर जो कर रहा है और अफगानिस्तान में जो हो रहा है, ऐसे बड़े मुद्दों पर भी चर्चा होनी चाहिए.' सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी की मांग को खारिज करते हुए समिति के प्रमुख ओरांव ने कहा कि जो विषय एजेंडे में है, उसी पर बात होगी.
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'भारत इतना असुरक्षित कभी नहीं रहा’
इससे पहले राहुल गांधी ने उस खबर का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर वास्तवित नियंत्रण रेखा (LAC) को फिर से पार कर लिया है और दोनों पक्षों के बीच झड़प की कम से कम एक घटना हो चुकी है. सेना ने इस खबर को खारिज किया है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार ने विदेश व रक्षा नीति को राजनीतिक हथकंडा बनाकर हमारे देश को कमजोर कर दिया है. भारत इतना असुरक्षित कभी नहीं रहा.’
सेना ने खबर को खारिज किया
उधर, सेना ने बुधवार को कहा कि भारतीय या चीनी पक्ष ने पूर्वी लद्दाख के उन इलाकों पर कब्जा करने की कोई कोशिश नहीं की है, जहां से वे फरवरी में पीछे हटे थे और क्षेत्र में टकराव के शेष मामलों को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष वार्ता कर रहे हैं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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