नई दिल्‍ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं को यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने इस्तीफे के फैसले से पीछे नहीं हटेंगे. उन पर इस्तीफा वापस ना लेने के लिए दबाव ना डाला जाए. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक राहुल से सोमवार को पार्टी के सीनियर नेता केसी वेणुगोपाल और अहमद पटेल से मुलाकात की. राहुल ने साफ कर दिया कि वह पार्टी अध्यक्ष नहीं बने रहना चाहते. इसलिए उनका रिप्लेसमेंट खोज लिया जाए. नया अध्यक्ष कोई नॉन गांधी होना चाहिए.


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राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं से प्रियंका गांधी का नाम भी ना चलाने को कहा है. दरअसल राहुल गांधी की नाराजगी इस बात को लेकर है कि उनके प्रचार अभियान के दौरान सीनियर नेता खामोशी से बैठे रहे या भितरघात करते रहे. उन्होंने पार्टी को चुनाव जिताने में मदद नहीं की. उनकी नाराज़गी नवनिर्वाचित मुख्यमंत्रियों कमलनाथ और अशोक गहलोत के अलावा एक दर्जन सीनियर कांग्रेस नेताओं से है.


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राहुल गांधी इस बात से भी नाराज हैं कि तमाम प्रदेशों के कांग्रेस अध्यक्ष के अपने करीबियों को टिकट दिलाने के लिए जोड़-तोड़ करते रहे. पार्टी के लिए जितनी मजबूती से प्रचार करना चाहिए था उतना नहीं किया. उनकी नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि जब पार्टी की करारी हार हुई तो भी किसी भी प्रदेश अध्यक्ष ने इस्तीफे का प्रस्ताव नहीं किया. जब उन्होंने इस्तीफे का प्रस्ताव किया उसके बाद ही प्रदेश अध्यक्षों ने इस्तीफ़े का प्रस्ताव किया.



इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केसी वेणुगोपाल से मुलाकात कर कहा है कि सीडब्ल्यूसी की बैठक की जो जानकारी मीडिया में कुछ कांग्रेस नेताओं के द्वारा लीक की गई है उसे पार्टी का नुकसान हो रहा है. मीडिया में चल रही नकारात्‍मक खबरों से कांग्रेस पार्टी के नेता परेशान हैं. आज कांग्रेस के मीडिया डिपार्टमेंट प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने  बयान जारी किया और लिखा- 'CWC विचारों के आदान-प्रदान और कार्रवाई करने के लिए एक लोकतांत्रिक मंच है. कांग्रेस को उम्मीद है कि मीडिया सहित सभी लोग बंद दरवाजे की बैठक की शुचिता का सम्मान करेंगे. मीडिया के एक वर्ग में विभिन्न अनुमान, अटकलें लगाना अनुचित हैं.'


उधर राहुल गांधी ने अपनी सभी बैठकें और कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. वह कांग्रेस पार्टी के किसी भी बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं ना उन्होंने कोई बैठक बुलाई है. यहां तक कि पार्टी के जीते हुए सांसदों से भी राहुल गांधी ने अभी तक मुलाकात नहीं की है. तमाम सांसदों ने राहुल गांधी से मिलने के लिए अर्जी लगाई है, लेकिन उनको कोई जवाब नहीं मिला है.