Rahul Gnadhi Video: आए दिन राहुल गांधी जनता से उनकी समस्याओं को लेकर मिलते रहते हैं. इसी कड़ी में वे शुक्रवार को पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर की प्रजापति कॉलोनी पहुंचे. यहां उन्होंने एक सैलून मालिक अजीत ठाकुर से लेकर कुम्हार परिवार की रामरति और अन्य लोगों से मुलाकात की. उन्होंने अजीत ठाकुर के सैलून पर दाढ़ी बनवाई और रामरति के घर जाकर उनसे बर्तन बनाना सीखा. कांग्रेस सांसद ने अपने हाथों से दीये भी बनाए. इस बीच उन्होंने सैलून का एक इमोशनल वीडियो भी शेयर किया है. 


रोजगार और जिंदगी के बारे में कई सवाल पूछे


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असल में राहुल गांधी ने अजीत से उनके काम रोजगार और जिंदगी के बारे में कई सवाल पूछे. उन्होंने जानना चाहा कि अजीत की कमाई क्या है, दुकान का किराया कितना है, और वह किस तरह से अपनी जिंदगी बिता रहे हैं. अजीत ने बताया कि उनका व्यवसाय 1993 से चल रहा है, और कोई भी नेता उनके पास इस तरह से नहीं रुका था. राहुल गांधी ने उनकी स्थिति को समझते हुए उन्हें आश्वासन दिया. अजीत ने खुलकर अपनी कठिनाइयों का जिक्र किया और कहा कि इतनी कम कमाई में कुछ नहीं बचता है. 


'मदद करने का प्रयास करेंगे'


राहुल गांधी ने उनके प्रति सहानुभूति जताई और कहा कि वह उनकी मदद करने का प्रयास करेंगे. अजीत ने कहा कि इस छोटी-सी मुलाकात ने मुझे आशा दी. मैंने महसूस कराया कि एक नेता केवल राजनीतिक आकांक्षाओं से नहीं भरा होता, बल्कि वह सामान्य लोगों के साथ जुड़ने और उनकी समस्याओं को समझने में भी रुचि रखता है.


'अजीत भाई के ये चार शब्द'


इस मुलाकात के बारे में राहुल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कुछ नहीं बचता है! अजीत भाई के ये चार शब्द और उनके आंसू आज भारत के हर मेहनतकश गरीब और मध्यमवर्गीय की कहानी बयां कर रहे हैं. नाई से लेकर मोची, कुम्हार से लेकर बढ़ई, घटती आमदनी और बढ़ती महंगाई ने हाथ से काम करने वालों से अपनी दुकान, अपना मकान और स्वाभिमान तक के अरमान छीन लिए हैं. आज की ज़रूरत है ऐसे आधुनिक उपाय और नयी योजनाएं, जो आमदनी में बढ़त और घरों में बचत वापस लाएं. एक ऐसा समाज जहां हुनर को हक़ मिले और मेहनत का हर कदम आपको तरक्की की सीढ़ियां चढ़ाए.



अपने हाथों से दीये भी बनाए


इसके अलावा राहुल ने रामरति के घर जाकर उनसे बर्तन बनाना सीखा. कांग्रेस सांसद ने अपने हाथों से दीये भी बनाए. रामरति ने कहा कि मैं कुम्हार कॉलोनी में रहती हूं. मेरे घर की घंटी बजी, और मैंने दरवाजा खोला, तो सामने राहुल जी खड़े थे. उस वक्त मेरे बच्चे भी साथ में थे. मैंने राहुल को देखा, तो दंग रह गई. राहुल पूरी सिक्योरिटी के साथ मेरे सामने खड़े थे. उन्होंने मुझसे कहा कि 'माता जी नमस्कार'. मैंने राहुल को हमेशा से टीवी पर देखा था, लेकिन जब मैंने सामने से उन्हें देखा, तो मैं थोड़ा घबरा गई. उन्होंने मुझसे कहा कि 'माता जी मुझे दीये बनाना सिखाइए'. मैंने उन्हें दीया बनाना सिखाया.