Rahul Yadav Biography: भारत के स्टार्टअप्स का वो बैड बॉय, जिसने कंपनी से फायर होने के बाद स्टाफ को दिए थे 200 करोड़ के शेयर
Rahul Yadav Networth: जब राहुल हाउसिंग डॉट कॉम के सीईओ थे, तो अपने आपत्तिजनक इस्तीफे से सुर्खियों में आ गए थे. इसके बाद उन्होंने माफीनामा जारी कर सबको हैरान कर दिया. लेकिन इसके बाद बोर्ड ने उनको हाउसिंग डॉट कॉम से फायर कर दिया.
Indian Startups: भारतीय स्टार्टअप्स में राहुल यादव का नाम कौन नहीं जानता. हाउसिंग डॉट कॉम के को-फाउंडर होने के अलावा वह कई स्टार्टअप्स का हिस्सा हैं. अकसर सुर्खियों में रहने वाले राहुल यादव की जिंदगी के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं, जो किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है.
इंडियन स्टार्टअप्स के बैड बॉय से लेकर कर्मचारियों को 200 करोड़ के शेयर देने के लिए मशहूर राहुल अपने करियर में ज्यादातर खबरों में ही रहे हैं. उदाहरण के लिए साल 2023 में राहुल उस वक्त सुर्खियों में रहे, जब इंफो ऐज ने ऐलान किया कि वह 4बी नेटवर्क्स के खिलाफ फॉरेंसिक ऑडिट करेगी, जो यादव की ही कंपनी है. आइए आपको राहुल यादव के बारे में बताते हैं.
1989 में हुआ जन्म
नामी आंत्रप्रेन्योर राहुल यादव का जन्म राजस्थान के खैरतल में साल 1989 में एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था. साल 2007 में उन्होंने बॉम्बे के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन लिया. स्टूडेंट असोसिएशन में एक्टिव रहे राहुल ने सदस्य से लेकर सेक्रेटरी पद पर काम किया.
इसके बाद राहुल का बतौर आंत्रप्रेन्योर सफर शुरू हुआ. उन्होंने Exambaba.com की शुरुआत की, जिसमें पुराने एग्जाम पेपर्स का बैंक होता था. स्टूडेंट्स के बीच यह वेबसाइट काफी पॉपुलर हुई. हालांकि आईआईटी बॉम्बे इससे नाखुश था. आईआईटी ने कई बार राहुल से यह वेबसाइट बंद करने को कहा.
लेकिन आगे क्या हुआ, यह एक रहस्य है. लेकिन राहुल ने फाइनल ईयर में ड्रॉपआउट का फैसला लिया. Exambaba.com को बनाते वक्त उनको काफी नॉलेज मिल गई थी. उन्होंने प्रोग्रामिंग स्किल्स की भी जानकारी मिली, जिससे उन्होंने कई गूगल एप्लिकेशन्स डिजाइन कीं.
मुंबई में घर मिलने में हुईं दिक्कतें
साल 2012 में राहुल उनको 11 क्लासमेट्स को मुंबई में घर मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इन लोगों को मुंबई में अपनी पसंद और बजट के मुताबिक घर नहीं मिल रहा था. लेकिन कहते हैं ना जरूरत ही आविष्कार की जननी होती है. इसके बाद ही राहुल और उनके दोस्तों को हाउसिंग डॉट कॉम बनाने का ख्याल आया. कुछ ही वक्त में यह वेबसाइट रियल एस्टेट सेक्टर की बड़ी वेबसाइट्स में से एक बन गई.
इसमें सॉफ्टबैंक ने भी निवेश किया. इसके अलावा टाटा हाउसिंग और टाटा वैल्यू होम्स से भी उनकी पार्टनरशिप हुई. फोर्ब्स इंडिया के मुताबिक, कंपनी ने अपने पहले हफ्ते में ही करीब 8 मिलियन डॉलर मूल्य की अचल संपत्ति बेचकर सबको चौंका दिया.
जिस कंपनी को बनाया, उसी से निकाले गए
साल 2015 में राहुल यादव को हाउसिंग डॉट कॉम से निकाल दिया गया. यह घोषणा ऐसे समय पर की गई, जब राहुल को अगला स्टीव जॉब्स कहा जाने लगा था. साल 2015 में एक रिपोर्ट आई थी कि उन्होंने अन्य को-फाउंडर्स, मीडिया और इन्वेस्टर्स के साथ बदतमीजी की थी. यह भी सामने आया था कि उनको अपने बर्ताव को लेकर कई बार चेतावनी दी गई थी लेकिन फिर भी कोई बदलाव नहीं आया.
कर्मचारियों को बांटे 200 करोड़ के शेयर्स
जब राहुल हाउसिंग डॉट कॉम के सीईओ थे, तो अपने आपत्तिजनक इस्तीफे से सुर्खियों में आ गए थे. इसके बाद उन्होंने माफीनामा जारी कर सबको हैरान कर दिया. लेकिन इसके बाद बोर्ड ने उनको हाउसिंग डॉट कॉम से फायर कर दिया. लेकिन एक बार फिर सबको चौंकाते हुए उन्होंने जाने से पहले अपने 150-200 करोड़ रुपये के पर्सनल शेयर्स हाउसिंग के 2251 कर्मचारियों को दे दिए थे.
बता दें कि राहुल ने 12 मार्च 2016 को दिल्ली में करिश्मा खोखर से शादी की. करिश्मा एक इन्वेस्टमेंट बैंकर हैं. इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से ताल्लुक रखने वाली करिश्मा ने गाजियाबाद के इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी से फाइनेंस में एमबीए किया है.