Indian Rail Ticket Booking:  भारतीय रेल वैसे तो वादे करता है कि किसी को भी सीट या बर्थ की दिक्कत नहीं होगी. लेकिन दावे सिर्फ दावे भर हैं. अगर  रेलवे का दावा सही होता तो सीट बुक कराने के बाद भी सीट ना मिले यह कैसे हो सकता है. तीन यात्रियों ने शिकायत करते हुए कहा कि उन्होंने सीट तो बुक कराई थी. लेकिन उन्हें बर्थ नहीं मिला. यही नहीं जब हेल्पलाइन नंबर 139 पर शिकायत की तो भी मदद नहीं मिली.


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टिकट हुआ बुक लेकिन नहीं मिली सीट

रिपोर्ट के अनुसार, अभिषेक नाम के एक यात्री का कहना है कि उन्होंने दिल्ली से सासाराम जाने के लिए गरीब रथ के जी-2 कोच में सीट नंबर 74 और 77 को बुक किया था. 27 जनवरी को ट्रेन में सवार होने के लिए वो आनंद विहार रेलवे स्टेशन पहुंचा तो उस कोच में सिर्फ 75 सीटें ही उपलब्ध थी. जी-2 कोच में सीट नंबर 76, 77 और 78 नहीं थी. उसे सिर्फ 74 नंबर वाली सीट ही मिल सकी. उनके सामने अजीब सी स्थिति बन गई. साथ में उनकी बूढी मां थी. वो तो जैसे तैसे यात्रा कर लेते. लेकिन उनकी मां के लिए दिक्कत थी. सिर्फ उन्हें ही मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा. बल्कि कोच में दो और यात्री थे जिन्हें सीट नंबर 76 और 78 अलॉट की गई थी. उनके सामने भी वही मुश्किल थी.


मदद के नाम पर टीटी ने कही ये बात

अभिषेक कहते हैं कि यात्रा करने के अलावा उनके पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं था. रात 10.30 बजे ट्रेन जब आनंद विहार रेलवे स्टेशन से रवाना हुई तो उन्होंने टीटी से शिकायत की. टीटी ने जरूर यह कहा कि वो कोई ना कोई व्यवस्था जरूर करेंगे. लेकिन उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली. जैसे तैसे उन्होंने आनंद विहार से सासाराम तक की यात्रा की. अभिषेक बताते हैं कि वो और उनके जैसे दो और यात्री लगातार अपनी परेशानी के बारे में टीटी को बताते रहे. लेकिन उसकी तरफ से सिर्फ एक ही जवाब कि आपको सीट देंगे. यही करते करते सासाराम तक की यात्रा पूरी हो गई. इस भीषण ठंड में आप सिर्फ हम लोगों की परेशानी को सिर्फ महसूस कर सकते हैं. हद की बात यह है कि जिस रेलवे हेल्पलाइन 139 की व्यवस्था है वहां से भी हमें किसी तरह की मदद नहीं मिली. बार बार टीटी से सवाल करने पर वो कहने लगा कि भला वो क्या कर सकता है. जब कोई सीट नहीं खाली है तो सीट कहां से वो लाकर दे.