जयपुर/नई दिल्ली: राजस्थान में कथित फोन टैपिंग (Phone Tapping) का मुद्दा मंगलवार को विधान सभा में भी उठा. इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दिए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों ने शून्य काल में हंगामा किया और नारेबाजी की. इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. पूर्व केंद्रीय मंत्री बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (Rajyavardhan Singh Rathore) ने कांग्रेस पर जोरदारा निशाना साधा है.


राज्यवर्धन राठौड़ की चेतावनी


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राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (Rajyavardhan Singh Rathore) ने कहा, राजस्थान सरकार ने 69A और टेलीग्राफ एक्ट का दुरुपयोग किया है. राजस्थान सरकार ने विधान सभा में स्वीकार किया कि फोन टैपिंग हुई है. राठौड़ ने इस मुद्दे पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की चुप्पी पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, 'राहुल पूरे देश का भ्रमण कर रहे हैं. हाथरस भी पहुंच जाते हैं लेकिन राजस्थान के फोन टैपिंग मामले पर एक ट्वीट तक नहीं किया है. राहुल गांधी की आंखें चेक होनी चाहिए कि आखिर उन्हें क्या दिखता है और क्या नहीं? राज्यवर्धन राठौड़ ने चेतावनी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो वो संसद में यह मुद्दा उठाएंगे और सड़क पर भी उतरेंगे.'


विधान सभा में स्थगन प्रस्ताव खारिज


विधान सभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ एवं विधायक कालीचरण सर्राफ ने इस मुद्दे को लेकर स्थगन प्रस्ताव पेश किया था, जिसे विधान सभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने खारिज कर दिया. इस पर प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि वह तो यह जानना चाहते हैं कि फोन टैपिंग किसके आदेश पर हुई और सरकार को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. विधान सभा अध्यक्ष ने इस बारे में सरकार द्वारा विधान सभा में दी गई जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि इसमें फोन टैपिंग के बारे में कानून का जिक्र है और इसमें किसी व्यक्ति विशेष का फोन टैप किए जाने का जिक्र नहीं है और न ही स्थगन प्रस्ताव लाने वाले भाजपा विधायकों ने ऐसा कोई जिक्र किया है, इसलिए वे स्थगन प्रस्ताव खारिज करते हैं.


बीजेपी विधायकों ने किया हंगामा


इस पर भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए आसन के सामने आ गए. अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष कटारिया से कहा कि, 'आप अध्यक्ष की व्यवस्था पर यह गलत परंपरा डाल रहे हैं. संसदीय व्यवस्था में आप काला अध्याय जोड़ रहे हैं.' भाजपा विधायकों ने आसन के सामने नारेबाजी जारी रखी और तय कार्यवाही में भाग नहीं लिया. इसके बाद जोशी ने सदन की कार्यवाही साढ़े बारह बजे आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी.


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क्या है मामला


उल्लेखनीय है कि पिछले साल जुलाई अगस्त महीने में राज्य के कुछ जनप्रतिनिधियों के फोन टैप किए जाने के आरोपों के बीच भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने अगस्त में आहूत विधान सभा सत्र में एक सवाल किया था. उन्होंने पूछा था, 'क्या यह सही है कि विगत दिनों में फोन टेप किए जाने के प्रकरण सामने आए हैं? यदि हां, तो किस कानून के अंतर्गत एवं किसके आदेश पर? पूर्ण विवरण सदन की मेज पर रखें.' इसका जवाब अब राज्य विधान सभा की वेबसाइट पर पब्लिश हुआ है. इसके अनुसार,'लोक सुरक्षा या लोक व्‍यवस्‍था के हित में या किसी ऐसे अपराध को प्रोत्‍साहित होने से रोकने के लिए जिससे लोक सुरक्षा या लोक व्‍यवस्‍था को खतरा हो फोन टैप (इंटरसेप्ट) भारतीय तार अधिनियम 1885 की धारा 5(2), भारतीय तार अधिनियम (संशोधित) नियम 2007 के नियम 419 ए एवं सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 में वर्णित प्रावधान के अनुसार सक्षम अधिकारी की स्‍वीकृति के बाद किया जाता है.' जवाब के मुताबिक, 'राजस्‍थान पुलिस द्वारा कानून के तहत सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्‍त करने के बाद फोन टैप किया है.'


(INPUT: भाषा)


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