Ajmer Dargah Maulvi bail plea rejected by Supreme Court: बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ सर तन से जुदा का नारा लगाने वाले अजमेर दरगाह के चिश्ती की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया है. कोर्ट ने मंगलवार को हुई याचिका पर सुनवाई करते हुए अजमेर दरगाह के मौलवी सैयद हुसैन गौहर चिश्ती (Syed Hussain Gauhar Chishti) को जमानत देने से इनकार कर दिया है. चिश्ती फिलहाल जेल में बंद है और अपने खिलाफ ट्रायल का इंतजार कर रहा है. 


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सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका


सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने मंगलवार को आरोपी सैयद हुसैन गौहर चिश्ती (Syed Hussain Gauhar Chishti) की जमानत अर्जी पर विचार किया. कोर्ट ने इस मामले में आरोपी और राजस्थान सरकार की दलीलें सुनी. इसके बाद अपना फैसला सुनाते हुए जमानत याचिका को खारिज कर दिया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील मनीष सिंघवी ने किया. 


अजमेर दरगाह के चिश्ती की अर्जी


सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए निचली अदालत से सुनवाई में तेजी लाने का आदेश दिया. साथ ही मामले की सुनवाई के लिए 6 महीने की टाइमलाइन भी तय कर दी. आरोप है कि अजमेर दरगाह (Ajmer Dargah) के मौलवी सैयद हुसैन गौहर चिश्ती ने कथित तौर पर पिछले साल बीजेपी की तत्कालीन प्रवक्ता के खिलाफ दरगाह परिसर में लोगों से ‘सर तन से जुदा’ नारा लगाने के लिए कहा था.


पिछले साल पुलिस ने की थी अरेस्टिंग


बताते चलें कि नूपुर शर्मा के खिलाफ लोगों से जान से मार देने की धमकी देने वाला चिश्ती (Syed Hussain Gauhar Chishti) बाद में फरार हो गया था. इस मामले में राजस्थान सरकार ने शुरू में ठंडा रवैया दिखाया लेकिन जब यह मामला मीडिया में उछला तो सरकार पर दबाव पड़ा. इसके बाद आनन-फानन में राजस्थान पुलिस ने उसे ढूंढने के लिए छापेमारी शुरू की. आखिरकार एक फ्रेंडली रेड के बाद चिश्ती को एक मकान से दबोच कर अरेस्ट कर लिया गया. 


(एजेंसी भाषा)