Rajasthan Assembly Election: केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव की तारीख घोषित कर दी है. छत्तीसगढ़ में दो चरणों में जबकि बाकी के चार राज्यों में 1 चरण में चुनाव होगा. इसी कड़ी में आइए समझते हैं कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव किन परिस्थितियों में हो रहा है और चुनाव को लेकर कितनी सरगर्मियां वहां बढ़ी हुई हैं. राजस्थान में विधानसभा की कुल 200 सीटें हैं और दोनों मुख्य पार्टियों ने अपना प्रचार तेज कर दिया है. इस समय वहां अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार है.


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राजस्थान में मतदान 23 नवंबर को
चुनाव आयोग के मुताबिक राजस्थान में एक ही दिन 23 नवंबर को वोट डाला जाएगा. जबकि इसका परिणाम उसी दिन 3 दिसंबर को आएगा जिस दिन बाकी राज्यों के चुनावों की मतगणना होनी है. राजस्थान चुनाव के लिए अधिसूचना 30 अक्टूबर को जारी होगी और उम्मीदवार 6 नवंबर तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे. 7 नवंबर को नामांकन की जांच होगी और नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 9 नवंबर होगी. चुनाव आयोग ने यह भी बताया है कि पूरे राजस्थान में 51,756 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे.


सरकार का कार्यकाल 14 जनवरी तक
इस समय मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और अशोक गहलोत प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. गहलोत की अगुवाई वाले राजस्थान विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 14 जनवरी 2024 को पूरा हो रहा है. राज्य की 200 सीटों में से 141 सीटें सामान्य की हैं. जबकि 25 सीटें एससी और 34 एसटी के लिए रिजर्व हैं. 5.25 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. यानी कि राजस्थान में मतदाता- 5,26,80,545 युवा मतदाता- 22,04,514 हैं.


बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला
इस समय वहां कांग्रेस की सरकार है और उसका सीधा मुकाबला बीजेपी से है. पिछले विधानसभा चुनाव में 200 सीटों में कांग्रेस को 99 जबकि भाजपा को 73 सीटें मिलीं. अशोक गहलोत ने 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. फिलहाल इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस किसी ने भी सीएम उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार की बाजी किसके हाथ लगेगी.