Rajasthan Congress: राजस्थान में सीएम पद के सवाल पर कांग्रेस आलाकमान फंस गया है. प्रदेश का अगला सीएम कौन होगा इस सवाल पर कांग्रेस में बड़ी फूट नजर आ रही है. गहलोत समर्थक विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए इस्तीफे का ऐलान कर दिया. गहलोत समर्थक विधायक फिलहाल राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पर मौजूद हैं. बताया जा रहा है कि करीब 90 विधायकों ने इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर दिया है. गहलोत समर्थक इन विधायकों के ऐलान के बाद अब सचिन पायलट का सीएम बनना बहुत मुश्किल दिख रहा है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि गहलोत समर्थक विधायकों के इन बागी तेवरों से कांग्रेस आलाकमान नाराज है. आलाकमान ने पायलट और गहलोत को दिल्ली तलब किया है. वहीं बताया जा रहा है कि अगर गहलोत और पायटल गुट के बीच सुलह न हो सकी तो सीपी जोशी प्रदेश के अगले सीएम हो सकते हैं, जिनके नाम पर दोनों गुट के सहमत होने की संभावना है. 


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विधायकों से 1 टू 1 बातचीत


राजस्थान में कांग्रेस में जारी सियासी संकट का हल निकलता नहीं दिख रहा है. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा कि हम आज रात दिल्ली वापस नहीं लौट रहे हैं. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने जो जिम्मेदारी दी है, उसे पूरा करने के बाद ही यहां दिल्ली के लौटेंगे. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में कांग्रेस के विधायकों से आज रात ही 1 टू1 बातचीत भी की जाएगी. इससे पहले राजस्थान सरकार में मंत्री और गहलोत के करीबी प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, 'सभी विधायक गुस्से में हैं और इस्तीफा दे रहे हैं. हम इसके लिए अध्यक्ष के पास जा रहे हैं. विधायक इस बात से खफा हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनसे सलाह लिए बिना फैसला कैसे ले सकते हैं.' 


पीसी जोशी के घर पर विधायकों का जमावड़ा


गहलोत समर्थक सीएम आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए नहीं पहुंचे, इसकी जगह वह सीधा विधानसभा अध्यक्ष पीसी जोशी के घर पहुंच गए.  इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर कांग्रेस विधायक दल की रविवार शाम को होने वाली बैठक को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई. पहले यह बैठक 7 बजे होना तय हुई थी फिर इसका टाइम बढ़ाकर 7.30 कर दिया गया. इस बैठक में गहलोत के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा होनी थी.


शांति धारीवाल के आवास पर पहुंचे गहलोत समर्थक विधायक


जानकारी के मुताबिक बैठक से पहले कई विधायक गहलोत के खासमखास मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर पहुंचे और सचिन पायलट के खिलाफ गोलबंदी शुरू कर दी.  सूत्रों के मुताबिक बैठक में सभी विधायकों की इस मुद्दे पर सहमति बनी है कि जिन विधायकों ने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को बचाने के लिए काम किया अगर उनमें से किसी को मुख्यमंत्री बना दिया जाए तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन बग़ावत करने वाले विधायकों को सीएम बनाया गया तो ये स्वीकार नहीं किया जाएगा. इन विधायकों का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो वे सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे. 


कौन होगा राजस्थान का मुख्यमंत्री


गहलोत शुक्रवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करने वाले पहले व्यक्ति बने और कहा कि पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उनसे कहा है कि गांधी परिवार से कोई भी अगला पार्टी प्रमुख नहीं बनना चाहिए. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनके उत्तराधिकारी के बारे में फैसला सोनिया गांधी और माकन करेंगे. गहलोत का यह बयान राहुल गांधी द्वारा ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की अवधारणा का समर्थन करने के बाद आया है. ऐसा माना जा रहा है कि गहलोत के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद राज्य में मुख्यमंत्री बदला जा सकता है.  


गहलोत नामांकन दाखिल करेंगे


कांग्रेस पार्टी प्रमुख के पद के लिए गहलोत नामांकन दाखिल करेंगे. उन्होंने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है. कांग्रेस नेता शशि थरूर से उनका मुकाबला होने की संभावना है. थरूर ने शनिवार को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय से नामांकन पत्र प्राप्त किए थे.


कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव कार्यक्रम


पार्टी की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना के अनुसार चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन पत्रों की जांच की तिथि एक अक्टूबर है, जबकि नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. उम्मीदवारों की अंतिम सूची आठ अक्टूबर को शाम पांच बजे प्रकाशित की जाएगी. अगर जरूरत पड़ी तो मतदान 17 अक्टूबर को होगा. मतों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी और उसी दिन परिणाम घोषित किया जाएगा.



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(एजेंसी इनपुट के साथ)