Ajmer Dargah: राजस्थान की अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वे के आदेश के कुछ दिनों बाद, पूर्व नौकरशाहों और राजनयिकों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे सभी अवैध और हानिकारक गतिविधियों को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है . इस पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वे अजमेर शरीफ दरगाह के मामले में हस्तक्षेप करें और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं.

 


 

पूर्व नौकरशाहों और राजनयिकों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्हें बताया गया है कि वह अकेले ही सभी अवैध और हानिकारक गतिविधियों को रोक सकते हैं. इस पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रधानमंत्री ने खुद ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वार्षिक उर्स के मौके पर चादरें भेजी थीं.

 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


 


 

दिल्ली के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग समेत लगभग आधा दर्जन पूर्व नौकरशाहों और राजनयिकों के समूह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अज्ञात समूहों के बारे में बताया, जो हिंदू हितों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं. इन समूहों ने मध्ययुगीन मस्जिदों और दरगाहों का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की मांग की है, ताकि इन स्थलों पर मंदिरों के पूर्व अस्तित्व को साबित किया जा सके.

 

 


अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वेक्षण के आदेश के बाद, पूर्व नौकरशाहों और राजनयिकों के एक समूह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की है. इस पत्र में कहा गया है कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के स्पष्ट प्रावधानों के बावजूद, अदालतें भी ऐसी मांगों पर गैरजरूरी तत्परता और जल्दबाजी से प्रतिक्रिया करती दिखती हैं. यह दरगाह एशिया में न केवल मुसलमानों के लिए बल्कि उन सभी भारतीयों के लिए सबसे पवित्र सूफी स्थलों में से एक है, जिन्हें हमारी समन्वयकारी और बहुलवादी परंपराओं पर गर्व है.

 


अजमेर दरगाह से जुड़ा विवाद एक पुराने मुद्दे को लेकर है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि दरगाह मूल रूप से एक शिव मंदिर था. यह विवाद 27 नवंबर को अजमेर की एक सिविल अदालत में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा दायर याचिका के बाद शुरू हुआ. इस याचिका में अजमेर दरगाह समिति, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को नोटिस जारी करने का अनुरोध किया गया था.

 


 



 

 

 

 


 

राजस्थान की ताज़ा ख़बरों के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Rajasthan News और पाएं Latest Rajasthan News हर पल की जानकारी. राजस्थान की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!