Ajmer News: देश विदेश से पुष्कर की पारंपरिक होली में शामिल होने आने वाले देसी विदेशी पर्यटकों सहित स्थानीय नागरिकों के लिए शुक्रवार को निराशा भरी ख़बर सामने आई. बीते 40 वर्षों से आयोजित हो रहे पारंपरिक अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव का आयोजन इस बार नहीं हो पाएगा. जिसको लेकर स्थानीय प्रशासन ने इन पारंपरिक आयोजनों को लेकर अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया है. जिसको लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध दर्ज करवाया है.


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राज्य सरकार द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव के आयोजन को लेकर पुष्कर कस्बे के होटल आरटीडीसी सरोवर में स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों सहित सामाजिक संगठनों की एक बैठक आयोजित की गई थी. बैठक के दौरान होली महोत्सव के आयोजन में पुष्कर के आमजन की भागीदारी नहीं होने के आरोपों के साथ ही बहस की शुरुआत हो गई. स्थानीय प्रशासन द्वारा आयोजित राज्य सरकार के अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव से संबंधित कार्यक्रम के आयोजन स्थल और पूर्व से हो रहे पारंपरिक आयोजनों को लेकर जमकर बहस हुई. उपखंड अधिकारी निखिल कुमार ने बताया कि होलिका दहन के कार्यक्रम पर किसी प्रकार की पाबंदी आमद नहीं की गई है . बीते कई वर्षों से पुष्कर के वराह घाट चौक और ब्रह्म चौक में आयोजित होने वाले होली के पारंपरिक आयोजन जिनमें गैर नृत्य, चंग वादन, होली गीत, ढोल वादन के संबंध में , जब उपखंड अधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसे किसी कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी जाएगी जहां सीमा से अधिक लोग एकत्रित होते हैं. वहीं दूसरी ओर थाना प्रभारी डॉ रवीश कुमार सांमरिया ने बताया कि यह निर्णय प्रशासन के स्तर पर लिया गया है. थाना प्रभारी ने खाटू श्याम में हुई त्रासदी का जिक्र करते हुए बताया कि भीड़ के गड्ढे होने से सकड़ी जगहों पर हादसों की आशंका बनी रहती है. इसीलिए भीड़ को डायवर्ट किया जाएगा.


पालिका अध्यक्ष कमल पाठक और उपाध्यक्ष शिव स्वरूप महर्षि ने पूर्व से आयोजित हो रहे कार्यक्रमों पर प्रशासनिक पाबंदी पर अपना विरोध जताया. उन्होंने कहा कि पारंपरिक आयोजन पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं लगनी चाहिए. वही पालिका पार्षद रवि पाराशर ने बताया कि पुष्कर होली महोत्सव की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कस्बे के वराह घाट और ब्रह्म चौक में आयोजित होने वाले पारंपरिक उत्सवों के कारण बनी है. अब पारंपरिक आयोजनों को रद्द करवा कर स्थानीय लोगों पर सरकारी कार्यक्रम थोपा जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव के आयोजन के संबंध में पुष्कर के किसी जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठनों से राय मशवरा नहीं किया गया. पार्षद रवि पाराशर ने बताया की एक ओर प्रशासन होली पर होटलों में शराब और डीजे पार्टी करने की अनुमति दे रहा है तो ऐसे में पुष्कर की धार्मिक और सांस्कृतिक छटा कैसे सुरक्षित रहेगी. पारंपरिक होली के उत्सव के आयोजनों को अनुमति नहीं देना पुष्कर की जनता के साथ धोखा है. इस संबंध में पुष्कर के प्रबुद्ध नागरिक और जनप्रतिनिधि कल बैठक कर राज्य सरकार द्वारा आयोजित होली महोत्सव के आयोजन के बहिष्कार के संबंध में निर्णय लेंगे. इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर, पार्षद रवि पाराशर, पार्षद जयनारायण दगदी, पार्षद सत्य नारायण रामावत सहित सामाजिक संगठनों ने प्रशासनिक निर्णय का जमकर विरोध किया.


बीते 40 वर्षों से पुष्कर के वराह घाट चौक में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव के आयोजन समिति के सुरेंद्र राजोरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि ला बेला होली मंडल द्वारा आयोजित होली महोत्सव की ख्याति के कारण ही अंतरराष्ट्रीय पटल पर होली महोत्सव को पहचान मिली. यदि वराह घाट चौक से होली के आयोजनों को यदि कहीं और ले जाया जाता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. राजोरिया ने बताया कि मंडल ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक आयोजित कर आगामी 27 फरवरी को झंडा रोहण, 1 से 5 मार्च तक राजस्थान के परंपरागत गैर और चंग नृत्य के आयोजन, 6 मार्च को होलिका दहन, 7 मार्च को ढोल की थाप पर होली खेलने का आयोजन निश्चित किया है. यदि स्थानीय प्रशासन इन कार्यक्रमों की अनुमति नहीं देता है तो सामूहिक रूप से प्रशासनिक निर्णय का विरोध जताया जाएगा.


पुष्कर से विधायक सुरेश रावत ने बताया कि बैठक के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है और ना ही उन्हें आमंत्रित किया गया था. विधायक रावत ने कहा कि पुष्कर की होली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर है. पुष्कर के पारंपरिक कार्यक्रमों के आयोजन होना ही चाहिए. यदि कोई अव्यवस्था होती है तो उसे व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी प्रशासन की है. सरकार और प्रशासन ने पूर्व में अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में पशुओं पर पाबंदी लगाकर मेले को खत्म कर दिया. वहीं अब पुष्कर होली महोत्सव के साथ होने जा रहा है.


पुष्कर से विधायक रही और पीसीसी उपाध्यक्ष नसीम अख्तर इंसाफ ने बताया कि बैठक के संबंध में मुझे जानकारी नहीं दी गई. राज्य सरकार द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव के कार्यक्रम को और बेहतर रूप से आयोजित किया जाना चाहिए. वहीं दूसरी ओर पुष्कर के पारंपरिक आयोजन पर किसी तरह की पाबंदी जायज नहीं है. वर्षों से आयोजित हो रहे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को अनुमति दी जानी चाहिए. नसीम अख्तर ने कहा कि वह पुष्कर के आम लोगों के साथ खड़ी है. इस संबंध में जिला कलेक्टर और जिला पुलिस कप्तान से बात करेंगी .


तीर्थ नगरी पुष्कर में पहली बार राज्य सरकार के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. आयोजन 4 मार्च से 7 मार्च तक आयोजित किए जाएंगे. कार्यक्रमों की कड़ी में 4 मार्च को शाम 6:30 बजे सरोवर के ब्रह्म घाट पर महा आरती का आयोजन किया जाएगा. शाम 7:00 बजे जगतपिता ब्रह्मा मंदिर की वाटिका के एंफीथिएटर में भजन गायिका विद्याशा की भजन संध्या आयोजित की जाएगी. 5 मार्च को शाम 4:00 बजे मेला मैदान में कैमल शो, शाम 6:30 बजे सरोवर के जयपुर घाट पर महा आरती, शाम 7:00 बजे मेला मैदान में पद्मश्री गुलाबो सपेरा कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति देगी. शाम 8:00 बजे पद्मश्री अनुराधा पौडवाल के भजन संध्या आयोजित की जाएगी. 6 मार्च को शाम 4:00 बजे कस्बे के ब्रह्म चौक, होली का चौक, ब्रह्म वाटिका में जंग डफली कच्ची घोड़ी एवं गैर नृत्य के बृहद रूप से मंचन, शाम 6:30 बजे सरोवर के ब्रह्म घाट पर महा आरती और सरोवर के 52 घाटों पर सवा लाख दीपक जलाए जाएंगे. शाम 6:50 पर पुष्कर सरोवर के किनारे भव्य आतिशबाजी की जाएगी. जिसके बाद शाम 7:30 बजे पुष्कर के मेला मैदान में म्यूजिक कंसर्ट मैं पद्मश्री हरिहरन प्रस्तुति देंगे. 7 मार्च को पुष्कर सरोवर पर शाम 6:30 बजे महाआरती और आतिशबाजी, तो वहीं शाम 7:30 बजे बॉलीवुड सेलिब्रिटी नाइट में गायक अमित त्रिवेदी प्रस्तुति देंगे.


बैठक के दौरान उपखंड अधिकारी निखिल कुमार, तहसीलदार संदीप चौधरी, थाना प्रभारी डॉक्टर रवीश कुमार सामरिया संयुक्त पुष्कर से संबंधित विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.