Ajmer: करोड़ों रुपए की नशीली दवाओं के मामले में जांच कर रही तत्कालीन एसओजी एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को रिश्वत मामले में जैसे ही जमानत मिली, एसओजी ने एनडीपीएस मामले में पद का दुरुपयोग करते हुए गैर कानूनी काम करने के मामले में तुरंत गिरफ्तार कर लिया. और उन्हें सिविल लाइन थाने में लाकर पूछताछ की जा रही है. मामले की जानकारी देते हुए जांच अधिकारी एसओजी जोधपुर एडिशनल एसपी कमल सिंह तवर ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि आरोपी दिव्या मित्तल को गिरफ्तार किया गया है. जिनसे एनडीपीएस एक्ट मामले में पूछताछ की जा रही है.


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आरोपी मित्तल का सिविल लाइन थाने में ही मेडिकल मुआयना करवाया गया और उन्हें कल न्यायालय में पेश कर इस मामले में रिमांड लेते हुए अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि अजमेर के रामगंज और अलवर गेट थाने में नशीली दवा प्रकरण के तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे. इसी दौरान रामगंज थाने में 24 मार्च 2021 को मुकदमा नंबर 183 भी एनडीपीएस मामले में दर्ज किया गया था इस मामले की जांच पहले जिला पुलिस के अधिकारियों द्वारा की गई और उसके बाद मामले में गड़बड़ी पाए जाने पर जांच एसओजी को सौंपी गई.


इस दौरान निलंबित एडिशनल एएसपी दिव्या मित्तल इस मामले में जांच कर रही थी लेकिन उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गैरकानूनी काम किया. उन्होंने अभियुक्त संजीव तनवानी की गिरफ्तारी के लिए अनुमति मांगी, लेकिन उसे गिरफ्तार न करके अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया. जिससे कि उसे जमानत मिल जाए इस संबंध में कई गड़बड़ियां सामने आई है. जिसे लेकर तत्कालीन एसओजी एडिशनल एसपी से पूछताछ की जा रही है. 


दिव्या मित्तल को एनडीपीएस एक्ट मामले की धारा 59 ओर 217 और 221 में गिरफ्तार किया गया है. यह धारा बताती है कि पुलिस अधिकारी बल लोकसेवक रहते हुए गलत रूप से अभियुक्त को फायदा पहुंचाने का गैर कानूनी कृत्य किया गया है. अधिकारी द्वारा पद की गरिमा को गिराते हुए जो ड्यूटी करनी चाहिए वह नहीं की गई लिहाजा इस मामले में एसओजी द्वारा विस्तृत पूछताछ करते हुए अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा.


आरोपी दिव्या मित्तल का मेडिकल मुआयना कराने के बाद उसे कल न्यायालय में पेश किया जाएगा जिसके बाद इस मामले में अग्रिम अनुसंधान किया जाना है. इस मामले में उन्होंने कहा कि एनडीपीएस एक्ट के इस मामले में फिलहाल दिव्या मित्तल से पूछताछ की जा रही है और इस पूछताछ के बाद अन्य अधिकारियों को लेकर भी जानकारी जुटाई जाएगी गौरतलब है कि इस मामले में रामगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था जिसकी जांच क्लॉक टावर थाना प्रभारी दिनेश कुमावत को सौंपी गई थी और इस दौरान पुलिस उपाधीक्षक दक्षिण मुकेश सोनी भी इस मामले की जांच कर रहे थे वही एसओजी के तत्कालीन सीआई भूराराम खिलेरी भी इस मामले की जांच कर चुके हैं इन सभी पर भी लिप्तता के आरोप लगे हैं.


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