Ajmer news: कहते है भगवान के दर्शनों के लिए साधन की नही बल्कि साधना की जरूरत होती है. अगर मन में भगवान के दर्शनों हेतु दृढ़ संकल्प हो तो इसके लिए साधनों की कमी कहीं आडे नहीं आती है और साधक को अपनी मंजिल मिल ही जाती है.ऐसा ही साबित किया है करनाल रोड दिल्ली निवासी पेशे से चालक देवेन्द्र चौहान ने करीब 13 हजार किलोमीटर की यात्रा कर 12 ज्योर्लिंगों के दर्शन कर यात्रा के अंतिम पडाव सोमनाथ गुजरात के लिए जा रहे देवेन्द्र चौहान से राष्ट्रीय राजमार्ग अजमेर रोड पर मुलाकात हुई. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मुलाकात के दौरान प्रसन्नचित्त मुद्रा में बातचीत करते हुए देवेन्द्र चौहान ने बताया कि वे भगवान भोले शंकर के भक्त है और बरसों से 12 ज्योर्लिंगों के दर्शन की इच्छा मन में थी. भोलनाथ की कृपा से इच्छा प्रबल हुई और 1 जनवरी 2022 को हाथ में भोले नाथ की झंडी लेकर 12 ज्योर्लिंगों के दर्शनों के लिए वह निकल पडा. देवेन्द्र चौहान ने बताया कि दिल्ली से शुरू यात्रा के तहत उन्होंने उज्जैन में महाकालेश्वर, भीमाशंकर के दर्शन किए. इसके बाद वह कन्या कुमारी पहुंचे. कन्याकुमारी से रामेश्वर की यात्रा कर भोले बाबा के दर्शन किए. 


यह भी पढ़ें- Jaipur news: निम्स में युवाओं के लिए मोटिवेशनल सेमिनार, इंटरनेशनल स्पीकर ने संबोधित कर किया प्रोत्साहित


रामेश्वर से आंध्रप्रदेश श्रीशेलम के दर्शन करते हुए झारखंड, नेपाल में बाबा पशुपतिनाथ उसके बाद केदारनाथ तथा बद्रीनाथ के दर्शन कर अब यात्रा के अंतिम पडाव में गुजरपात सोमनाथ की और जा रहा हूं. पैदल यात्रा करने के मकसद तथा मन्नत के बारे में पूछने पर देवेन्द्र चौहान ने बताया कि मन्नत से कभी यात्रा नहीं होती है. इसके लिए तो केवल मन में दृढ़ इच्छा होनी चाहिए. परिवार के सवाल पर चौहान ने बताया कि अब उसके परिवार में कोई नहीं है वे अकेले है. बहिनों की शादी नहीं होने तक वह बंधन में था लेकिन अब जब बहिनों की शादी हो गई है तो वे फ्री व अकेले हो गए है. यात्रा समाप्ति के बाद जीवन के लक्ष्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले यात्रा पूर्ण हो जायें उसके बाद आग के लक्ष्य तय होगा.


REPORTER- DILIP CHOUCHAN