Ajmer News: सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय ब्यावर में राजस्थान राज्य महिला नीति के अंतर्गत महिला नीति समिति एवं महिला प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में कन्या भ्रूण हत्या के प्रति जागरूकता विषय पर व्याख्यान का आयोजन हुआ. प्राचार्य डॉ. रेखा मंडोवरा, डॉ. दीपाली लाल एवं महिला नीति समिति की प्रभारी डॉ. वीना सोनी ने मां शारदा के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. 

 

डॉ. रेखा मंडोवरा ने की कार्यक्रम की अध्यक्षता 

महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. रेखा मंडोवरा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि राजस्थान सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उनके स्वास्थ्य और पोषण के अतिरिक्त उनको सामाजिक धरातल पर सुरक्षा प्रदान कर रही है. उन्होंने छात्राओं को कन्या भ्रूण अधिनियम की जानकारी देते हुए लिंग परीक्षण के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा दी. 

 

असंवैधानिक है भ्रूण का लिंग परीक्षण 

मुख्य वक्ता पूर्व विभागाध्यक्ष प्राणी शास्त्र डॉ. दीपाली लाल ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने पर बल देते हुए पीसीपीएनडीटी अधिनियम की जानकारी देते हुए विद्यार्थियों से कहा कि इस अधिनियम के तहत भ्रूण का लिंग परीक्षण असंवैधानिक है. अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रा सोनोग्राफी करवाने वाले पति-पत्नी, डॉक्टर और लैब कर्मी को 3 से 5 साल की जेल और 10 से 50 हजार का जुर्माना हो सकता है. 

 

कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद 

डॉ. लाल ने छात्राओं को भारत देश की महान महिलाओं कल्पना चावला, इंदिरा गांधी, मैरी क्यूरी तथा सरोजिनी नायडू आदि की जीवनी से प्रेरणा लेने को कहा. उन्होंने पीपीटी द्वारा देश में कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियानों से अवगत कराते हुए बेटी बचाओ की शपथ दिलाई. कार्यक्रम में डॉ. प्रतिमा खटुमरा, डॉ. अंजलि जयपाल, डॉ. संध्या जयपाल, लक्ष्मी सैनी, आरती सावर वर्मा, डॉ. वंदना सुखाडिया तथा डॉ. आशा मीणा आदि उपस्थित रहे.