Ajmer: पुष्कर सरोवर में लगा श्रद्धालुओं का तांता, मंदिरों में उमड़ी लोगों की भीड़
कार्तिक माह स्नान के लिए सरोवर के घाटो पर अलसुबह से ही महिला श्रृद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. श्रृद्धालुओं ने सरोवर के घाटो पर दीपदान कर पूजा अर्चना की और यथा शक्ति दान पुण्य किया. अलसुबह से शुरू हुआ स्नान का दौर दिनभर जारी रहा.
Ajmer: हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखने वाला कार्तिक महीना शरद पूर्णिमा रविवार को शुरू हो गया. पुराणों में वर्णित कथाओं के अनुसार ऐसी मान्यता है कि कार्तिक माह में पुष्कर सरोवर में किए स्नान का फल, 1 हजार बार किए गंगा स्नान के समान, 10 बार माघ स्नान के समान और जो फल कुम्भ में प्रयाग में स्नान करने पर मिलता है, वहीं, फल कार्तिक माह में पुष्कर सरोवर में स्नान करने से मिलता है. जो व्यक्ति कार्तिक के पवित्र माह के नियमों का पालन करते हैं, वह वर्षभर के सभी पापों से मुक्ति पाते हैं. इन्ही मान्यताओं के चलते कार्तिक माह के पहले दिन धार्मिक नगरी पुष्कर में हजारों श्रृद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर धर्म लाभ प्राप्त किया.
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सरोवर पर लगा रहा श्रद्धालुओं का तांता
कार्तिक माह स्नान के लिए सरोवर के घाटो पर अलसुबह से ही महिला श्रृद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. श्रृद्धालुओं ने सरोवर के घाटो पर दीपदान कर पूजा अर्चना की और यथा शक्ति दान पुण्य किया. अलसुबह से शुरू हुआ स्नान का दौर दिनभर जारी रहा. श्रृद्धालुओं की आवक से बाजारों और मुख्य मंदिरो में उमड़ी भीड़ ने कार्तिक माह के शुभारम्भ का अहसास कराया. तीर्थ पुरोहितों के अनुसार कार्तिक माह में हर वर्ष कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा के 5 दिनों तक 33 करोड़ देवी देवता पवित्र सरोवर में वास करते है. इन्ही मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए न केवल कार्तिक माह के इन 5 दिनों में बल्कि पुरे कार्तिक माह में देश ओर दुनिया के लाखों श्रृद्धालु पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाते हैं.
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श्वेत रंगो से रंगा जगत पिता का दरबार
तीर्थ नगरी पुष्कर स्थित पौराणिक जगतपिता ब्रह्मा का मंदिर शरद पूर्णिमा और कार्तिक महास्नान के प्रारंभ होने के अवसर पर श्वेत रंगों में रंगा नजर आया. जगतपिता ब्रह्मा और वेद माता गायत्री को श्वेत फूल, वस्त्र, आभूषण से सुसज्जित कर श्रंगार किया गया. जगतपिता ब्रह्मा मंदिर में आज सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया. जिसके चलते मंदिर के बाहर लंबी कतारें नजर आई . पुजारी कृष्ण गोपाल वशिष्ट ने बताया कि पूर्णिमा के अवसर पर षोडशोपचार से पूजा कर भगवान ब्रह्मा की महाआरती उतारी गई. और देश में प्रगति और खुशहाली की कामना की गई.
Reporter- Ashok Bhati