Beawar News : पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में राज्य सरकार संरक्षित अपराधियों द्वारा महिलाओं के साथ किए गए जघन्य अपराध की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कड़े शब्दों में भर्त्सना की है.


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पीड़िताओं को न्याय की मांग को लेकर परिषद पदाधिकारियों ने देश के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया. जिला कलेक्टर के माध्यम से दिए गए ज्ञापन में परिषद पदाधिकारियों ने बताया कि विगत कुछ वर्षों में पश्चिम बंगाल के उत्तर चौबीस परगना जिले के संदेशखाली क्षेत्र की महिलाओं के साथ यौन शोषण, उनकी सामूहिक अस्मिता का हनन एवं उनके परिवारों पर सुनियोजित अत्याचार राज्य सरकार द्वारा संरक्षित अपराधियों द्वारा किया जा रहा है.


अखिल भारतीय विद्यार्थी परषिद मानवता को शर्मसार करने वाली संदेशवाली घटना से आहत है और इसकी कठोरतम भर्त्सना करती है. विगत 10 फरवरी 2024 को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस के संदेशखाली दौरे के कारण इस बीभत्स शोषण की सचाई वृहद जनमानस के समक्ष आई.


पश्चिम बंगाल में सत्तारूद्र पार्टी के नेताओं द्वारा हिन्दू घरों से जबरन नाबालिग कन्याओं व महिलाओं को चिन्हित कर उनका भयपूर्वक अपहरण कर राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालय में लाकर अत्याचार, दुराचार करने के कई जघन्य मामले सामने आये हैं. पीड़िताओं में अधिकांश महिलाएं अत्यंत पिछड़े एवं अनुसूचित वर्ग की हैं और अपने ऊपर हो रहे अत्याचार की अति से तंग आकर कई परिवार संदेशवाली से पलायन करने को मजबूर हैं.


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पश्चिम बंगाल राज्य की महिला मुख्यमंत्री के संरक्षण से वर्षों के शारारिक एवं मानसिक शोषण से तंग आकर संदेशखाली की हजारों महिलाएं आज राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलनरत हैं. चूंकि मुख्यमंत्री के संरक्षण में राज्य में सत्तारूद्र पार्टी के नेताओं द्वारा संदेशवाली की महिलाओं का शोषण हो रहा है और राज्य की पुलिस उचित कानूनी कार्रवाई करने में विफल रही है, इसलिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की यह मांग है कि इन महिलाओं को न्याय दिलाने में आपके द्वारा हस्तक्षेप किया जाए.


ज्ञापन देने वालों गजेन्द्र सिंह रावत, हर्ष गर्ग, पंकजसिंह, मोहित सोडा, मानवेन्द्रसिंह, गोपालसिंह, राजदीप, विकास साहू, राहुल, अर्पित तथा प्रशांत आदि पदाधिकारी शामिल रहे.