Naseerabad: अजमेर के नसीराबाद सिटी पुलिस थाना में तहसीलदार, उपपंजीयक हलका पटवारी और रिश्तेदारों द्वारा भूमि का दानपत्र षडयंत्र पूर्वक निष्पादित करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया है. सिटी पुलिस थाना ने मुकदमा दर्ज करके जांच आरंभ कर दी है.


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नसीराबाद के निकट धोलादांता न्यारा हाल लव गार्डन रेस्टोरेंट नसीराबाद रोड अजमेर ने धोलादांता न्यारा निवासी बीरम रावत, नरपत सिंह, खुशाल सिंह, विशाल सिंह सहित तहसीलदार, उपपंजीयक एवं धोलादांता न्यारा हल्का पटवारी के विरुद्ध धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का आरोप लगाते हुए सिटी पुलिस थाना को न्यायिक इस्तगासे के जरिए रिपोर्ट दी. 


सीता देवी रावत ने रिपोर्ट में बताया कि उसके पुत्रगण करणसिंह और परमेश्वर के पूर्वजों की संपत्ति धोलादांता न्यारा गांव में है. पुत्रगण द्वारा उपखंड न्यायालय में अस्थाई निषेधाज्ञा के लिए वाद प्रस्तुत किया था. 


इसके चलते 1 अक्टूबर 2021 को अंतरिम अस्थाई निषेधाज्ञा पारित की गई थी जोकि वर्तमान तक प्रभावी है. यह वाद आरोपीगण के विरुद्ध प्रस्तुत किया गया था. 28 सितंबर 2021 को बीरम द्वारा वसीयतनामा उपपंजीयक के समक्ष निष्पादित कराया था. 


षडयंत्र पूर्वक पैतृक कृषि भूमि का वसीयतनामा कुशाल सिंह और विशाल सिंह के नाम कर दिया गया, जबकिें वारिसान का बराबर हिस्सा है. इसके बावजूद बीरम सिंह द्वारा वसीयत कर दी गई. स्टे की प्रति तहसीलदार और धोलादांता न्यारा पटवारी को भी उपलब्ध करा दी थी.  


रिपोर्ट में बताया कि इसके प्रभावी रहने के बावजूद 21 अप्रैल 2022 को आपराधिक षड्यंत्र रचते हुए विवादित आराजी का दानपत्र निष्पादित करते हुए उसे तस्दीक कर दिया गया, जिसका नामांतरण अभी नहीं खुला है. 


स्टे की जानकारी अभियुक्तगण को पूर्ण रूप से थी. इसके बावजूद परिवादिया के पुत्रगण को उनके हिस्से से बेदखल करने और न्याय से वंचित करने के उद्देश्य से धोखाधड़ी की गई. सिटी पुलिस थाना मुकदमा दर्ज करके पुलिस कार्रवाई आरंभ कर दी है. 


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