Ajmer News: दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे से जुड़े मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट अजमेर पश्चिम ने फैसला सुना दिया है. मामले में कोर्ट ने तीनों पक्षकारों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद एक पक्षकार दरगाह कमेटी की और से बयान सामने आया है.


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सैय्यद सरवर चिश्ती(सचिव, अंजुमन कमेटी) का कहना है कि अदालत आदेश की प्रति मिलने पर वकील से मामले को लेकर चर्चा की जाएगी. न्यायिक प्रक्रिया के तहत निर्णय लिया जाएगा.  कोर्ट में दावा मंजूर होने के बाद खादिमों की संस्था के सचिव ने कहा कि दरगाह आस्था और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है.



उन्होंने कहा कि विश्वभर में दरगाह के करोड़ों अनुयायी हैं. हमने कई दौर झेले हैं. 3 साल से हिन्दू सेना इस तरह के बयान बाजी कर रही है. ऐसे हालत देश के लिए हित में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि किसी की मुरादें पूरी नहीं होंगी. गरीब नवाज की दरगाह है और रहेगी.



वहीं दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी सैय्यद नसीरुद्दीन ने मामले को लेकर कहा कि पूरे घटनाक्रम पर नजर बनी हुई है. वकीलों से राय लेकर मामला ख़ारिज करने की कोशिश करेंगे.



उन्होंने कहा कि देश में मौजूदा समय में ये परिपाटी बन गई है.  मस्जिदों और दरगाहों को मंदिर घोषित करवाने में कुछ लोग लगे हैं. भारत ग्लोबल ताकत बन रहा है लेकिन अभी भी मंदिर मस्जिद की लड़ाई, समाज के लिए सही नहीं है.



आज कोर्ट ने मामले में क्या कहा



अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावा से जुड़े परिवाद पर आज (बुधवार, 27 नवंबर)न्यायिक मजिस्ट्रेट अजमेर पश्चिम की कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने मामले के तीन पक्षकारों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं.



इस मामले में अल्पसंख्यक मंत्रालय दरगाह कमेटी और पुरातत्व विभाग को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के लिए 20 दिसंबर की तारीख तय की गई है.