क्षेत्र में उखड़ती सड़कें खोल रहीं भ्रष्टाचार की पोल, रोड की दुर्दशा से लोग हलाकान
नसीराबाद क्षेत्र के अधिकांश गांवों की सड़कों की दुर्दशा इस सीमा तक पहुंच चुकी है कि वाहन चालक इन गहरे गड्ढों युक्त कष्टदायक सड़क पर वाहन चलाने के बजाए कच्ची पगडंडी पर वाहन चलाना मुनासिब समझने लगे हैं ताकि हादसों का शिकार होने से बच सके.
अजमेर: नसीराबाद क्षेत्र के अधिकांश गांवों की सड़कों की दुर्दशा इस सीमा तक पहुंच चुकी है कि वाहन चालक इन गहरे गड्ढों युक्त कष्टदायक सड़क पर वाहन चलाने के बजाए कच्ची पगडंडी पर वाहन चलाना मुनासिब समझने लगे हैं ताकि हादसों का शिकार होने से बच सके. सड़कों पर अनगिनत यह गहरे गड्ढे भ्रष्टाचार की दांस्ता चीख चीख कर बयान कर रहे हैं.
शहरों में डामरीकरण अथवा सीमेंट सड़क की तर्ज पर गांवों में भी डामर और अथवा सीमेंट की सड़कें बनने लगी. ग्रामीण वोट बैंक को लुभाने के लिए जनप्रतिनिधियों ने विभिन्न गांव में डामर की सड़कें निर्माण करने की स्वीकृतियां जारी कर दी, लेकिन गुणवत्ता को नजर अंदाज कर दिया. कभी भी किसी जनप्रतिनिधि ने ऐसी सड़कों का अवलोकन नहीं किया जिन्हें उन्ही की स्वीकृति पर बनाई गई थी और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता को नजर अंदाज कर दिया गया, जिन जनप्रतिनिधियों ने सड़कों की स्वीकृति जारी की वह भी इन अनगिनत गड्ढों वाली सड़कों पर हिचकोले खाते हुए मुख दर्शक बनकर निकल जाते है, जिसका खामियाजा उस मार्ग पर निकलने वाले राहगीर एवं वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है.
अनदेखी की वजह से दिनोंदिन खराब हो रही सड़कें
गौरतलब है कि कोई भी व्यक्ति अपना मकान निर्माण करता है तो उसके निर्माण के वक्त बार-बार अवलोकन करता है और ढंग से निर्माण करने का दिशा निर्देश देता है ताकि लंबे समय तक मरम्मत नहीं मांगे, लेकिन विडंबना की पराकाष्ठा तो यह है कि जनता के धन से सरकार द्वारा बनाई जाने वाली इन सड़कों का निर्माण करते वक्त उनकी देखरेख कोई नहीं करता, जिसके परिणाम स्वरूप घटिया सामग्री का उपयोग करते हुए निर्माण पूर्ण करके इतिश्री कर ली जाती है और कुछ माह में ही इन सड़कों पर इतने गड्ढे हो जाते हैं कि इसे सड़कों पर गड्ढे नहीं बल्कि गड्ढों में सड़क कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.
तकनीकी ज्ञान के अभाव में डामर की सड़कें तो निर्माण करा दी जाती है लेकिन सड़क के दोनों तरफ गांव में घरों के पानी की निकासी का कोई साधन नहीं होने के कारण यह डामर की सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती है. इतना ही नहीं बल्कि सड़क पर फैले गंदे पानी में से वाहन निकलते वक्त इस गंदे पानी के छींटे भी उन पर उछलते रहते हैं.
खराब रोड हादसों के दे रहे न्योता
गांव की सड़कों पर गड्ढे कष्टदायक ही नहीं है बल्कि दुर्घटनाओं को भी न्योता देते रहते हैं. विभिन्न सड़क मार्गों पर दुर्घटनाओं में कई जान चली जाने के बावजूद जनप्रतिनिधियों में ही नहीं बल्कि आमजन में भी कोई जागरूकता नजर नहीं आई. जिसके चलते ऐसी सड़कों पर दुर्घटना का ग्राफ निरंतर बढ़ता जा रहा है. इन हिचकोले वाली सड़कों पर वाहन चलाने से वाहन पर सवार अधिकांश व्यक्तियों के कमर दर्द और रीड की हड्डी की बीमारी भी बढ़ने लगी है. गांव में निर्माण होने वाली इन सड़कों की गुणवत्ता की जांच की जाए तो निसंदेह भ्रष्टाचार का आश्चर्यजनक आंकड़ा उजागर होने को नकारा नहीं जा सकता. सड़क पर यह गहरे गहरे गड्ढे और उखड़ी हुई कंकरीट भ्रष्टाचार की दांस्तान बयान कर रही है.