ब्यावर: राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय के गायनिक वार्ड से रेफर की गई प्रसूता की मौत प्रकरण ने मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के दौरान तूल पकड़ लिया. प्रसूता के परिजन गायनिक चिकित्सक डॉ. श्रुति चौधरी को एपीओ करने के आदेशों के बाद ही मृतका का पोस्टमार्टम करवाने पर अड़ गए. इस दौरान अस्पताल की मॉर्चूरी में भारी संखया में ग्रामीणों तथा मृतका के परिजनों का जमावडा लग गया. उधर, घटना की जानकारी पर सिटी थानाधिकारी सुरेन्द्रसिंह जोधा पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपने बात पर अड़े रहे हैं.


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अस्पताल पीएमओ डॉ. दिलीप चौधरी ने भी परिजनों से उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन परिजन व ग्रामीण डॉ. चौधरी को एपीओ करने की मांग पर डटे रहे. अस्पताल में हंगामे तथा मृतका का पोस्टमार्टम नहीं करवाने की जानकारी मिलने पर विधायक शंकरसिंह रावत भाजपा पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं के साथ अस्पताल पहुंचे तथा घटनाक्रम की जानकारी ली. इसके बाद विधायक रावत की उपस्थिति में पीएमओ तथा परिजनों के बीच वार्ता हुई.


वार्ता के दौरान प्रसूता मौत प्रकरण में 5 सदस्यी जांच कमेटी का गठन करने तथा रिपोर्ट के अनुसार दोषी पाये जाने पर संबंधित चिकित्सक के खिलाफ उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया. जिसके बाद परिजन शांत हुए तथा लाश का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया.


मालूम हो कि ग्राम पंचायत शाहपुरा के रायता खेड़ा निवासी जसवंतसिंह रावत की 23 वर्षीय पत्नी संतोष को परिजन सोमवार को प्रसव के लिए लेकर राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय पहुंचे थे. वहां, पर गायनिक चिकित्सक डॉ. श्रुति चौधरी ने प्रसूता को भर्ती कर उपचार शुरू किया, लेकिन थोड़ी ही देर बाद डॉ. चौधरी ने प्रसूता को आनन-फानन में अजमेर के लिए रेफर कर दिया. अजमेर पहुंचने से पहले ही खरवा में प्रसूता की मौत हो गई थी. परिजन प्रसूता के शव को लेकर एकेएच पहुंचे तथा डॉ. श्रुति चौधरी पर उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए उसे प्रसूता की मौत का जिममेदार ठहराते हुए हंगामा खड़ा कर दिया था.


 


Reporter- Dilip chouhan