भीलवाड़ा: जनता को राहत देने के उद्देश्य के साथ लगाए गए शिविरों की संख्या बढ़ी तो सर्वर स्लो हो गया. इससे शिविर राहत की बजाय आफत बन गए. लोड ज्यादा होने से सर्वर की स्पीड स्लो रही. इससे रजिस्ट्रेशन में ज्यादा समय लगा. महंगाई राहत के स्थायी शिविर में पहले दिन कम रजिस्ट्रेशन हुआ. हालात ये रहे कि सर्वर की स्पीड सामान्य रहने पर एक जन आधार पर 10 योजनाओं के रजिस्ट्रेशन में महज दो से ढाई मिनट का समय लगता है.


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सर्वर की स्पीड स्लो रहने से इसमें 15 से 20 मिनट का समय भी लगा. गर्मी में लोगों को लाइन में लगने के बाद तीन से चार घंटे का इंतजार भी करना पड़ा. कई जगह टैंट छोटे होने पर लोगों को धूप में भी लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ा. सबसे ज़्यादा अव्यवस्थाओं का आलम ज़िला मुख्यालय पर आयोजित कैंप में देखने को मिला जहां कलेक्टर की उपस्थिति रहने के बावजूद व्यवस्थाएँ नाकाफ़ी रही.


शहर में अलग-अलग जगहों पर आयोजित शिविरों में पहुंचकर जब हमने हकीकत जानी तो शिविरों में राहत पाने के लिए पहुंचे लोगों को काफी परेशानियां हुईं.कुछ जगह पुलिस कर्मियों की संख्या कम होने पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. तेजाजी चौक शिविर में तो अववस्थाओ का आलम तो यह था कि भीड़ में भगदड़ की स्थिति बन गई, जिसके कारण कुछ महिलाएँ पेरो तले दब गई जिन्हें बड़ी मशक़्क़त से बचाया जा सका.


 हालात यह थी इंटरनेट के अभाव में कई जगह तो शिविर ही देरी से शुरू हुए. इससे कर्मचारी व जनता दोनों ही परेशान नजर आए. शिविर में आए लोग कहते नजर आए कि सरकार राहत दे रही है या आफ़त. वही इस मामले में जब ज़िला कलेक्टर आशीष मोदी से बात की गई तो उन्होंने कहा की शिविरों में उम्मीद से ज़्यादा भीड़ आने के कारण कुछ जगह अवस्थाएं हुई है, जल्द वयवस्थाओ में सुधार लाया जाएगा.


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