Beawar news: जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी पूज्य गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माता जी के सानिध्य में प्रवर्तित अयोध्या तीर्थ प्रभावना रथ का ब्यावर में प्रवेश हुआ. रथ के बिजयनगर रोड स्थित जैन नसिया पहुंचने पर जैन समाज के द्वारा भव्य स्वागत किया गया. अयोध्या में प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान सहित पांच तीर्थंकर की जन्मभूमि है. जैन धर्म की सर्वोच्च साध्वी 105 ज्ञानमती माताजी के द्वारा यह पुण्यशाली कार्य चल रहा है. दिगंबर जैन समाज के प्रवक्ता राजेश गोदा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस हेतु सौधर्म इंद्र का समाज के जितेंद्र कुमार, हीरामणि बाकलीवाल परिवार को सौभाग्य प्राप्त हुआ.


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जैन धर्म की सर्वोच्च साध्वी 105 ज्ञानमती माताजी 
 इसी तरह से धन कुबेर के लिए रूपचंद चेतन छाबड़ा परिवार, मंगला आरती के लिए खेमराज अभिजीत बाकलीवाल परिवार तथा पालना हेतु संजय कुमार ममता काला परिवार को सौभाग्य प्राप्त हुआ है. इस मौके पर रथ का संचालन कर रहे अकलंत जैन प्रतिष्ठाचार्य ने बताया कि 21 जुलाई 2023 को रथ ने राजस्थान में प्रवेश किया जिसके लगभग 275 स्थानों से होकर मंगलवार को रथ ब्यावर पहुचा है. उन्होने बताया कि रथ का प्रवास लगभग दो माह तक राजस्थान में ही रहेगा जिसके बाद रथ महाराष्ट्र की ओर प्रस्थान करेगा. 



275 स्थानों से होकर मंगलवार को रथ ब्यावर पहुंचा
उन्होने बताया कि रथ भ्रमण कार्यक्रम लगभग दो वर्ष का है. उन्होने बताया कि इस रथ का प्रमुख उददेश्य भगवान ऋषभदेव की जन्मभूमि को पूरे विश्व में प्रसारित करना. 


यह रहें मौजूद 
रथ स्वागत के दौरान लादुलाल, सुशील बडजात्या, घनश्याम जैन, पदम सोनी, विजय फागीवाल, कैलाश बड़जात्या, सिद्धार्थ फागीवाल, रितेश फागीवाल, कमल रावंका, प्रसन्न रावंका, विनोद बाकलीवाल, अनिल गंगवाल, राजेंद्र गोधा सहित बड़ी संख्या में समाज के गणमान्य लोग मौजूद रहे.


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