Beawar: राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार बुधवार को राजकीय एएनएम नर्सिंग शिक्षण संस्थान ब्यावर में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया. कार्यक्रम में न्यायिक मजिस्ट्रेट संखया एकनीतू और विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट ब्यावर शैली परवाल ने रालसा द्वारा दलितों और अनुसूचित जाति और जनजाति के व्यक्तियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए चलाई जा रही विशेष अभियान के तहत उन्हें कानूनी अधिकारों की विस्तृत जानकारी दी. 


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उन्होंने बताया कि कालांतर में वर्ण व्यवस्था के तहत समाज विभाजित था, जिस कारण समाज में अत्यधिक छूआछूत व भेदभाव व्याप्त था पर आजादी पश्चात भारतीय संविधान में प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्राप्त है. विशेषकर दलित और अनूसूचित जाति-जनजाति के लोगों से छूआछूत, भेदभाव कर प्रताड़ित करना कानूनी अपराध है. 


भारतीय संविधान द्वारा कमजोर वर्ग के उत्थान और उनसे हो रहे भेदभाव को रोकने के लिए नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम, बंधुआ मजदूरी अधिनियम, भूमि अधिकार संरक्षण अधिनियम आदि के तहत दलित और कमजोर वर्ग को सरंक्षण प्राप्त है. सरकार द्वारा दलित और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं चलाई गई है. अस्पृश्यता मुक्त समाज हेतु आमजन को जागरूक करने की आवश्यकता है. इस दौरान न्यायिक अधिकारीगण द्वारा छात्रावास का निरीक्षण किया गया.


पैरालीगल वालंटियर संजयसिंह गहलोत ने शिविर का संचालन करते हुए जनपयोगी सेवाओं, मध्यस्थता, नि:शुल्क विधिक सहायता व चुप्पी तोड़ो खुलकर बोलो अभियान के तहत गीत के माध्यम से जानकारी प्रदान की. शिविर के दौरान संस्था प्राचार्या रेखा बाग और स्टॉफगण बीना चेरियन, शीला बलाई, संजु शर्मा, राकेश शर्मा और राहुल शर्मा आदि उपस्थित रहें.


Reporter: Dilip Chouhan