Kekri: सरवाड़ दरगाह में जियारत करने आने वाले जायरिन आजकल भिखारियों से कतराने लगे हैं, जिसके चलते दरगाह क्षेत्र के दुकानदार भी काफी परेशान हैं. दरगाह क्षेत्र में जायरीन अपनी कार खड़ी करने से भी कतराने लगे हैं, उन्हें भय रहता है कि कहीं कोई भिखारी आ ना टपके और उसे भीख ना देने पर भिखारी कार सवार पर बद्दुआओं की बौछार ना कर दें.


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सरवाड़ दरगाह क्षेत्र में भिखारी झुंड के रूप में रहते हैं, जिसमें महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं. जब भी दरगाह में कोई जायरीन जियारत करने आता है, उनसे भिक्षा के रूप में पैसा मांगना शुरू कर देते हैं. इस दौरान कार चालक एवं भिखारियों के बीच आए दिन नोकझोंक होती रहती है. कई बार जायरीन बद्दुआओं के डर के मारे पैसे देकर इन भिखारियों से अपना पिंड छुड़ाते हैं. भिखारियों द्वारा किए जाने वाले बदसलूकी के चलते जायरीन दरगाह जाने से भी कतरा ने लगे हैं.


दरगाह जियारत करने के बाद जब जायरीन कार में सवार होकर निकलते हैं तो भीख मांगने वाले लोग उस कार का पीछा करते हैं. इस दौरान कई बार हादसे हो चुके हैं, इसके बावजूद समस्या जस की तस है. वहीं आधा 1 किमी पैदल भागने के बाद जायरीन को तरस आ जाता है और वह भिखारी को पैसा दे देते हैं.


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सरवाड़ ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती की दरगाह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध होने के चलते यहां पर देश प्रदेश के हजारों जायरीन रोजाना दरगाह में जियारत करने आते हैं. जियारत करने आने वाले लोगों से दुआओं के नाम पर भिखारी मनमाना पैसा वसूलते हैं. पैसा नहीं देने पर भिखारी जियारत करने आने वाले जायरीन को बद्दुआ देना शुरू कर देते हैं. कई बार तो आपाधापी में जायरिनों के कपड़े तक फाड़ देते हैं. दरगाह क्षेत्र में बड़ी संख्या में महिलाएं छोटे-छोटे मासूम बच्चों को साथ लेकर भीख मांग मांगती है.


महिलाओं ने भीख मांगने को अपना धंधा बना लिया है, जिसके चलते अलसुबह आकर दरगाह में बैठ जाती है. कार रुकते ही भीख मांगने के लिए कार की तरफ भागती है जिसके चलते आए दिन हादसे भी होते हैं. इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारी भिखारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते.


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