Ajmer: अजमेर 92 फाइल्स फिल्म का पोस्टर सामने आने के साथ ही फिल्म का विरोध तेज होने लगा है अंजुमन कमेटी के सेक्रेटरी सरवर चिश्ती के साथ ही रजा अकादमी मुंबई की ओर से फिल्म को लेकर विरोध जाहिर करते हुए फिल्म के जरिए दरगाह शरीफ की छवि खराब का करने आरोप लगाया गया है. 


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सिख धर्म को टारगेट करने का आरोप


अजमेर दरगाह अंजुमन कमेटी के सेक्रेटरी सर 25 दिन अपना बयान जारी करते हुए बताया कि जब भी राज्यों में चुनाव नजदीक आते हैं इस तरह की फिल्में रिलीज का कलर आईज करने का प्रयास किया जा रहा है. इससे सिख धर्म को टारगेट करते हुए उसकी छवि खराब की जा रही है, उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव से पहले भी डे केरला स्टोरी सामने आई थी उन्होंने कहा कि 1992 में यह घटना हुई थी. इसमें आरोपियों को सजा भी मिली है और अब तक यह मामला न्यायालय में चल रहा है.


इसमें एक ही समुदाय के लोग शामिल नहीं थे अलग अलग हो समुदाय के लोग शामिल थे जिसमें पार्टी के भी पदाधिकारी थे लेकिन इसके बावजूद भी इसे दरगाह शरीफ से जोड़ा जा रहा है और चिश्ती फैमिली को टारगेट किया जा रहा है यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यह फिल्म सोची समझी साजिश के तहत चुनाव से पहले लाई जा रही है.


यहां भी हो रहा विशोध


इसके साथ ही मुंबई की रजा अकादमी के संस्थापकों ने भी अजमेर पहुंच कर इस फिल्म को लेकर अपना एतराज जाहिर किया साथ ही जिला एसपी चुनाराम जाट से मुलाकात कर ज्ञापन भी सौंपा है और इस फिल्म को बैन करने के साथ ही दरगाह से रिलेटेड यूट्यूब सोशल मीडिया और इंटरनेट पर जारी हुए वीडियो को लेकर भी कार्रवाई की मांग की गई है. 


उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह अमन-चैन और भाईचारे का पैगाम दुनिया में देती है ऐसे में फिल्म 92 फाइल्स से इसे नहीं जोड़ना चाहिए ऐसा होता है तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा दरगाह से विश्व के सभी समुदाय के लोग विश्वास रखते हैं और यहां से सभी की आस्था जुड़ी है लेकिन फिर भी जानबूझकर इस तरह की फिल्म बनाकर एक समाज को बदनाम करने के साथ ही दरगाह शरीफ को इससे जोड़ा जा रहा है जो कि कभी भी बर्दाश्त नहीं होगा और इसे लेकर अलग-अलग स्थानों पर विरोध के स्वर तेज होने लगे हैं.


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