अजमेर: राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि बिना सोच-विचार और संवाद के किसान बिल की तरह इसे भी लागू करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे देश के जवान नापसंद कर रहे हैं.


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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इतना बड़ा फैसला बिना किसी जानकारी और समाज के लिए आर्मी जैसी संस्था जिसका नाम देश ही नहीं विदेश में भी जाना जाता है, ऐसी संस्था में ठेका प्रथा शुरू करना गलत है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सत्ता में वन रैंक वन पेंशन का वादा करते हुए आई थी,लेकिन अब न तो युवाओं को पेंशन दी जा रही है और ना ही उन्हें रोजगार की गारंटी दी जा रही है.


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अगर इसी तरह सरकारी चलेगी तो सरकार पर जनता का विश्वास ही उठ जाएगा और आगामी दिनों में राज्य सरकारी भी ठेका प्रथा से ही तमाम डिपार्टमेंट चलाएगी तो फिर सरकार का क्या काम रहेगा उन्होंने कहा कि अग्निपथ फैसला सरकार की नाकामी है और इसे वापस लिया जाना चाहिए और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं देश की जनता आज भी सरकार पर ही निर्भर है ऐसे में इस तरह की योजना लाकर युवाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिसने भी यह सलाह दी है वह गलत है और अगर उन्होंने खुद ने यह लागू किया है तो इसे वापस लिया जाना चाहिए जिससे कि देश में शांति बहाल हो.


किसानों की आय दोगुनी नहीं होने पर भड़के जयतं चौधरी


वह इस मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार पर किसानों की आय दोगुनी करने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सत्ता में आई तो उन्होंने वादा किया था कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, लेकिन किसानों की हालत जस की तस बनी हुई है. उन्होंने कहा कि लागत 300% बढ़ गई है, लेकिन किसानों को उनके भाव का दाम नहीं मिल रहा. जब भी किसी भी चीज में उछाल आता है तो उसके निर्यात पर सरकार रोक लगा देती है जो कि गलत है ऐसे में इस तरह के कदम किसानों की आय कैसे दुगनी करेंगे उन्होंने कहा कि अन्य चीजों पर कभी भी निर्यात पर रोक नहीं लगती , लेकिन किसानों की पैदावार पर रोक लगाकर कष्ट करो के साथ खिलवाड़ किया जाता रहा है.


राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी एक दिवसीय दौरे पर अजमेर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने महर्षि दयानंद निर्माण न्यास स्मारक पर चलाए जा रहे सामवेद पारायण यज्ञ में हिस्सा लिया और विश्व की शांति पर्यावरण संरक्षण सहित विभिन्न समस्याओं को लेकर और उद्देश्यों को लेकर 21000 आहुतियां तीन दिवस के दौरान यहां दी गई.


Reporter- Ashok Bhati