जिस साड़ी से विधवा अपनी लाज ढकती थी उसी से बनाया मौत का फंदा, पीछे छोड़ गई चार रोती-बिलखती बच्चियां
अभी पति के मौत को कुछ साल ही बीते थे कि पत्नी ने भी मौत को गले लगा लिया. अपने पीछे चार रोती-बिलखती बच्चियों को छोड़गई. इन मासूम बच्चियों के सामने अब रोटी का संकट है. ये मामला अजमेर का है. हे भगवान कोई इनका सहारा बनें.
Ajmer: जिले के आदर्श नगर थाना क्षेत्र स्थित बालूपुरा गांव की रहने वाली एक विधवा महिला ने अपनी 4 मासूम बच्चियों की मौजूदगी में घर पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. हमले की सूचना पर पुलिस ने शव को क्षेत्र वासियों की मदद से नीचे उतरा. जेएलएन अस्पताल की मोर्चरी में रखवा कर शव का पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद जांच शुरू कर दी है. थाने के एएसआई भूरी सिंह ने बताया कि बालूपुरा आदर्श नगर क्षेत्र की रहने वाली 37 वर्षीय नैना देवी ने घर पर अपनी ही साड़ी को फांसी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली.
इस दौरान उसकी 4 बेटियां भी घर पर मौजूद थी. मैना देवी के पति पारसमल कि पहले ही मृत्यु हो चुकी है, वह घर पर अपने बच्चों के साथ अकेली ही अपना गुजर-बसर कर रही थी. उसकी सास पड़ोस में ही अकेली रहती है. इस आत्महत्या के पीछे क्या कारण है? इसे लेकर क्षेत्र वासियों के साथ ही परिजनों से जानकारी ली जा रही है.
बच्चों के पालन पोषण पर संकट
पोस्टमार्टम प्रक्रिया के बाद इसमें संपूर्ण जांच की जाएगी. पुलिस हर पहलू को ध्यान में रखते हुए जांच में जुटी है. मैना देवी की मौत के बाद उसके चार बच्चियों के भरण-पोषण को लेकर भी समस्या खड़ी हो गई है. मीना देवी के ससुर की भी मौत पहले ही हो चुकी है. उसके बाद उनके पति भी इस दुनिया में नहीं रहे. मैना देवी भी अब चारों बच्चों को छोड़कर इस दुनिया से चली गई. ऐसे में इन बच्चों के भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.