Pushkar ropeway accident​: पुष्कर के सावित्री माता मंदिर रोपवे पर अचानक चली धूल भरी आंधी के चलते अचानक रोपवे पर ट्रॉली में बैठे यात्रियों की जान सासत में आ गई. जिसके चलते करीबन 16 यात्रियों जान एक पल के लिए अटक गई. जिसके बाद रोपवे प्रबंधन ने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए अपनी टीम में भेजी. हवा का जोर कमजोर होने पर सभी यात्रियों को सकुशल उतार लिया गया.


हवा में अटकी यात्रियों की सासें


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पुष्कर के सावित्री माता रोपवे पर आज दोपहर बड़ा हादसा होते-होते टल गया. तेज हवाओं के चलते सावित्री जो पेपर ट्रॉली का एक पिछला चक्का वायर से नीचे उतर गया. इस दौरान तीन ट्रॉली में बैठे 16 लोगों की जान अटक गई. ट्रॉली में सवार यात्री मनीषा विजय ने बताया कि अचानक तेज हवा के चलते ट्रॉली बीच में अटक गई. इस दौरान रोप वे प्रबंधन ने यात्रियों को धीरज बनाने की अपील की. रोप वे प्रबंधन के कमर्शल मैनेजर प्रेमांशु देवनाथ ने बताया कि अचानक चली आंधी से रोप वे बीच मे रोक दिया गया था और तुरंत रेस्क्यू टीमों को मौके के लिये रवाना कर दिया गया. देवनाथ ने बताया कि विधुत आपूर्ति के बंद हो जाने के चलते इमरजेंसी जनरेटर के जरिये तकनीकी समस्या को दूर कर यात्रिओं को सकुशल नीचे उतार लिया गया. साथ ही आज के लिये रोप वे का संचालन बंद कर दिया गया.


रोप वे में रखा जाता है सेफ्टी का ध्यान


रोप वे को संचालित करने वाली कंपनी दामोदर रोपवेज इंफ़्रा लिमिटेड के पुष्कर के प्रभारी अधिकारी प्रियांशु बैद्यनाथ ने बताया कि रोप वे का संचालन दो शिफ्ट में किया जाता है. पहला सुबह 7 से 2 ओर दूसरा दोपहर 2 से 9 बजे तक। सुबह 5 बजे से 7 बजे तक और दोपहर 2 बजे ओर रात 9 से 10 रोप-वे का सेफ्टी चेक किया जाता है. हर 6 महीनों में रेस्क्यू ऑपरेशन का ड्रिल चलाया जाता है, जिसमे ट्रॉली के अटकने की सूरत में रेस्क्यू चेयर के जरिये पैसेंजर को कैसे उतारा जाए उसका अभ्यास किया जाता है.


मेन इंजन बंद होने की समस्या होने पर रोप वे पर एक रेस्क्यू इंजन भी है, जिसका समय समय पर चलाया जाता है. प्रेमांशु ने बताया कि तार टूटने का मामला संभव नहीं है क्योंकि रोजाना 2 बार मेंटनेस ओर सेफ्टी चेक किया जाता है. साल में एक बार कंपनी की टीम रोप वे की सुरक्षा जांच करने आती है. रोप वे ट्रॉली में डोर लोक सिस्टम होता है, जिसे सिर्फ बाहर से ही खोला जा सकता है.


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रोप-वे में दो सप्रेटाडेट ब्रेक है जिसमें से एक ब्रेक सिस्टम क्षमता से अधिक वजन होने पर खुद ही ब्रेक लग जाएंगे और ट्रॉली आगे नहीं बढ़ पाएगी और दूसरा मैन्युल ब्रेक है, जिसे हाई स्पीड कपलिंग ब्रेक कहते है. रोप वे पर विधुत प्रवाह बनाये रखने के लिये डीजी सेट ओर ग्रीड पवार सप्लाई की व्यवस्था की गई, ताकि निर्बाध रूप से ट्रॉली का संचालन किया जा सके.