Nasirabad: बेरोजगार युवकों को रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनसे लाखों रुपए हड़पने के प्रकरण में नसीराबाद सदर पुलिस थाना ने एक महिला सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा के निर्देश पर अजमेर जिला द्वारा वांछित अपराधियों की धरपकड़ करने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के दौरान एएसपी घनश्याम शर्मा, डीवाईएसपी पूनम भरगड के निर्देश पर सदर पुलिस थानाधिकारी राजेश कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने फरार चल रहे दो आरोपी छतरी योजना श्मशान के पास वैशालीनगर क्रिश्चनगंज अजमेर निवासी नेहा चौधरी पत्नी सरताज और वैशाली नगर क्रिश्चियनगंज अजमेर निवासी हैदर पुत्र अब्दुल वहीद बीते चार साल से फरार चलने के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ गए. 


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एक दर्जन से अधिक बेरोजगार युवकों ने बताया कि रेलवे में खलासी, कर्लक, डी ग्रुप, कनिष्ठ अभियंता पदों पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर एक दर्जन से अधिक व्यक्तियों से लगभग लाखों रूपए हड़प लिए, जिसका मुकदमा 5 मार्च 2019 को दर्ज किया गया था.
नसीराबाद के निकट चैनपुरा गांव निवासी शेरसिंह रावत पुत्र नारायण, कालूसिंह रावत पुत्र सुखदेव, शिवराज रावत पुत्र वीरम, विक्रम सिंह रावत पुत्र दल्लासिंह, ज्ञानसिंह रावत पुत्र रामदेव, नौलखा निवासी अरविंद रावत पुत्र हनुमान, भवानीखेड़ा निवासी जोरवन सिंह पुत्र ज्ञानसिंह, नयागांव कास्या निवासी कानसिंह रावत पुत्र बीरमसिंह, एचएमटी के निकट अजमेर निवासी दिनेश सेन पुत्र रतनलाल, माखुपुरा निवासी भोजराज पुत्र हीरा सिंह, पुराना बडगांव निवासी हेमेंद्र सिंह पुत्र नाहरसिंह, दौलतखेड़ा निवासी महेंद्र सिंह पुत्र मोती सिंह, केसरपुरा निवासी विक्रम सिंह पुत्र कालू सिंह ने संयुक्त रूप से छतरी योजना, आंतेड श्मशान के पास वैशालीनगर अजमेर निवासी श्रीमती नेहा चौधरी उर्फ अलसफा पत्नी सरताज, सरताज पुत्र अब्दुल सत्तार, हैदर, भवानीखेड़ा निवासी सीताराम रावत पुत्र छोटू के विरुद्ध रिपोर्ट दी थी कि प्रार्थीगण शिक्षित युवा बेरोजगार है. भवानीखेड़ा निवासी सीताराम रावत ने आरोपियों से मुलाकात कराई थी. 


उन्होने बताया था कि वह रेलवे में नौकरी लगवा देते हैं. उनकी पहचान राजनेता और बड़े अधिकारियों से है. ग्रुप डी के लिए चार लाख रुपैया, खलासी  और क्लर्क पद के लिए छह लाख रुपैया और कनिष्ठ अभियंता पद के लिए 9 लाख रूपए लगेंगे. उनकी बातों में आकर आरोपियों को लाखों रुपए दे दिए. उन्होंने रिपोर्ट में बताया कि आरोपी उन्हें रेलवे में नौकरी का एपाइंटमेंट लेटर आने का झांसा देते रहे. उन्होंने मित्तल अस्पताल अजमेर में उनका मेडिकल करवाकर झांसा दिया. उसके बाद आरोपियों ने फोन उठाना बंद कर दिया और घर पर भी नहीं मिलते थे.


इसी प्रकार 11 सितंबर 2018 को भी शिवपुरा झड़वासा निवासी राधेश्याम पुत्र माधू रावत ने पुलिस में क्रिश्चियनगंज वैशालीनगर अजमेर निवासी श्रीमती नेहा चौधरी पत्नी सरताज, सरताज पुत्र अब्दुल सत्तार और खानपुरा निवासी फिरोज पुत्र शहाबुद्दीन के विरुद्ध रिपोर्ट दी कि तीनों आरोपी उसके रिश्तेदार सोहनसिंह के साथ शिवपुरा झडवासा स्थित उनके घर आए और बताया कि वह रेलवे में नौकरी लगवाने का काम करते हैं. 


एक माह में नौकरी लगवा देंगे लेकिन साढे तीन लाख रूपए अग्रिम लेंगे. उनकी बातों के झांसे में आकर आरोपियों को 6 दिसंबर 2017 को साढे तीन लाख रूपए दे दिए गए. एक माह बीत जाने के बावजूद रेलवे से कोई भी पत्र नहीं आने पर उनसे बातचीत की तो उन्होंने आश्वासन दिया कि कुछ दिनों में लेटर आ जाएगा, लेकिन फिर भी रेलवे से कोई भी पत्र नहीं आने पर उनसे मुलाकात की तो उन्होंने मिलने और रकम लौटाने से मना कर दिया.


बेरोजगारों के साथ धोखाधड़ी करके लाखों रुपए हड़कने के आरोप में 5 मार्च 2019 और 11 सितंबर 2018 को सदर पुलिस थाना में मुकदमें दर्ज किए थे. आरोपियों नेहा चौधरी पत्नी सरताज और हैदर पुत्र अब्दुल वहीद को गिरफ्तार करने के लिए गठित टीम में सदर पुलिस थानाधिकारी राजेश कुमार, सब इंस्पेक्टर समीर सेन, कॉन्स्टेबल कालूराम, राजेंद्र, धर्मेंद्र, श्रीमती परमा शामिल रहें.