Ajmer: राजस्थान के अजमेर के ब्यावर बलाड़ ग्राम पंचायत गांव गढ़ी थोरियान और लोधा का बाडिया की महिलाओं और पुरुषों ने गांव की सरकारी भूमि को आबादी में नहीं बदलने की मांग उठाई है. इस मांग को लेकर लोगों ने उपखंड अधिकारी को एक ज्ञापन दिया.


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इस ज्ञापन में ग्रामीणों ने बलाड ग्राम पंचायत की सरपंच तथा उप सरपंच पर सरकारी भूमि को आबादी में कन्वर्ट करवाकर स्वयं के निजी उपयोग में लेने का भी आरोप लगाया. एसडीएम राहुल जैन को दिए गए ज्ञापन में लिखा है कि ग्राम गढ़ी थोरियान स्थित खसरा संख्या 1665 की 2 हेक्टेयर भूमि चारागाह में दर्ज है. उस भूमि पर भू-माफियाओं की ओर से अवैध रूप से खनन किया जा रहा है. इसकी शिकायत पूर्व में कई बार सरपंच से की जा चुकी है, लेकिन खनन में सरपंच की शह होने के कारण आज भी खनन का काम बेरोकटोक चल रहा है.


ग्रामीणों का आरोप है कि इस बारे में पुलिस और पटवारी को भी कई बार सूचित किया गया लेकिन अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि गांव में स्थित खसरा संख्या 275, 249 और 252 की जमीन राज्य सरकार के नाम दर्ज चली आ रही है, लेकिन इस जमीन के पास ही बलाड सरपंच सुनीता बाना ने अपना मकान बना रखा है. इसके साथ ही वह सरकारी जमीन का स्वयं के निजी उपयोग के लिए उसे आबादी में कन्वर्ट करना चाहती है. लोगों ने उक्त सरकारी भूमि को आबादी में कन्वर्ट नहीं करने की मांग की है.


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इसी प्रकार लोधा का बाडिया के ग्रामीणों ने भी गांव की खसरा संख्या 275, 249 और 252 की सरकारी भूमि को आबादी में कन्वर्ट नहीं करने की मांग की है. ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त भूमि के पास ही उप सरपंच सिकंदर खान ने मकान बना रखा है. वह भी सरकारी भूमि को आबादी में कन्वर्ट करवा कर निजी उपयोग में लेने की चाह रखे हुए है. गांव के लोगों ने उपखंड अधिकारी से दोनों गांवों की वर्णित सरकारी भूमि को आबादी में कन्वर्ट नहीं करने तथा गढ़ी थोरियान में हो रहे अवैध खनन को रूकवाने की मांग की है. ज्ञापन देने वालों में लीलादेवी, पुष्पादेवी, कमला देवी, मूलसिंह, अशोक, सुरेश, रामरतन, रसूल, चुन्नीलाल, संतोष देवी, मीना देवी सहित अन्य महिला तथा पुरूष शामिल थे.


Reporter- Dilip Chouhan


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