अजमेर: शहर के नजदीक बोराज गांव में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में अभिभावकों और ग्रामीणों ने अपना रोष प्रकट किया और स्कूल टीचर का घेराव करते हुए अंग्रेजी मीडियम के साथ ही हिंदी मीडियम स्कूल भी संचालित करने की मांग की. ग्रामीणों और स्कूल प्रबंधन ने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक का एक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है, जिसे लेकर जल्द निर्णय का आश्वासन दिया गया है.


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बोराज गांव में कई वर्षों से हिंदी मीडियम स्कूल संचालित की जा रही थी, लेकिन इसी बीच राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल को इसी स्कूल में कर मोहित कर दिया गया,  जिसके कारण यहां पढ़ने वाले हिंदी मीडियम स्कूल के बच्चों को लेकर काफी परेशानी उत्पन्न हो गए.'


हिंदी मीडियम में भी पढ़े बच्चे


ग्रामीणों का कहना है कि इंग्लिश मीडियम चलाने का कोई विरोध नहीं है, लेकिन जो बच्चे इंग्लिश मीडियम में लॉटरी से वंचित रहे हैं, उन्हें हिंदी मीडियम में पढ़ा जाना चाहिए, लेकिन शिक्षा विभाग गांव के ही बच्चों को अलग-अलग गांव में जो कि 3 से 4 किलोमीटर दूर स्कूल है. वहां एडमिशन के लिए बोल रहा है या फिर वह प्राइवेट स्कूल में अपना अध्ययन करें. ऐसे में ग्रामीणों के सामने समस्या खड़ी हो गई है.  इसी के कारण आज ग्रामीणों और अभिभावकों ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए स्कूल को अंग्रेजी के साथ हिंदी मीडियम में भी संचालित करने की मांग की.


अधिकारियों ने दिया निराकरण होने का भरोसा


हंगामे को ध्यान में रखते हुए अजमेर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी और जनप्रतिनिधि स्कूल पहुंचे जहां पर अभिभावकों और ग्रामीणों से बातचीत करते हुए समाधान का आश्वासन दिया. इस मौके पर मुख्य शिक्षा अधिकारी प्राथमिक श्रीनगर कालिंदीनी शर्मा ने बताया कि ग्रामीणों का कहना सही है बच्चों को इस स्कूल में एडमिशन नहीं मिलता है तो उन्हें कई किलोमीटर दूर जाकर अध्ययन करना होगा जो कि उनके लिए सही नहीं होगा.


इस विषय में उच्च अधिकारियों से बातचीत करते हुए राज्य सरकार को आज ही प्रस्ताव भेज दिया गया है जिससे कि इसी स्कूल में एक से पांचवी क्लास तक दो पारियों में स्कूल संचालित की जा सके और यही इंग्लिश और मीडियम स्कूल की पढ़ाई कराई जाए जिससे कि यहां के विद्यार्थियों को परेशानी ना उठानी पड़े.


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Reporter- Ashok singh bhati