Alwar: राजस्थान में मानसून के लंबे इंतजार के बाद अब राज्य में बारिश का दौर शुरू हो गया है. राज्य में राजधानी क्षेत्र सहित भारी बारिश हुई है. इसके अलावा बहुत सारे जिले ऐसे है, जहां अभी तक बारिश नहीं हुई है. मानसून राजस्थान में समय से 7 दिन पहले आ गया था, लेकिन इसके बाद पुरे राज्य में बरसने के लिए 26 दिन का समय लगा दिया था. अब मानसून धीरे-धीरे सक्रिय हुआ है और बारिश का दौर शुरू हो चूका है. इसी के साथ राज्य में खरीफ की बुवाई भी शुरू हो जाएगी.


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पिछले कई दिनों से गर्मी और उमस की मार झेल रहे अलवर वासियों को मानसून की बारिश से बड़ी राहत मिली है. बीते दिन चार बजे अचानक बदले मौसम ने करवट बदली और देखते ही देखते तेज मूसलाधार बारिश ने शहर को तरबतर कर दिया. तेज हवाओं के साथ बारिश आने से सड़कों पर पानी बह उठा. 


वहीं, जिला मुख्यालय के पीछे स्थित सागर जलाशय में भी पानी की आवक शुरू हो गई. प्राकृतिक झरनों पर सुबह से ही युवाओं की भीड़ झरनों में नहाने का लुत्फ उठाते रहे अलवर जिला मुख्यालय कलक्ट्रेट के पीछे स्थित कृष्ण कुंड का झरना बीती रात से ही बह निकला. कृष्ण कुंड से सागर तक बना बडा नाले में जोरदार वेग से पानी बह निकला. 


कृष्ण कुंड झरने में सुबह से ही युवाओं और प्रकृति प्रेमियों का जमावडा लग गया. बहते झरने के मध्य में बैठकर मानसून की पहली जोरदार वर्षा का आनंद उठाया. स्थानीय लोगों ने अच्छी बारिश होने की बात कहते हुए युवाओं को नहाने के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से गहरे पानी में नहीं नहाने की सलाह दी. बीती रात से ही रूक-रूक कर बारिश का दौर गुरूवार देर तक जारी रहा. अलवर बाला किला पहाड़ी पर छाई हरियाली का नजार देखते ही बन रहा है. इधर झरनों से बहते पानी की आवाज-अलग ही तान छेड रही है जो मन को सकुन देता रहा.


हादसों को निमंत्रण
कृष्ण कुंड में बह रहे झरने में युवाओं और बच्चों का कूद-कूदकर नहाना हादसे को निमंत्रण देने जैसा है. वर्षा काल में इन प्राकृतिक स्थलों पर नहाने के समय एनडीआरएफ की टीम का नहीं होना किसी बडे हादसे का कारण बन सकता है. स्थानीय लोगों की माने तो बारिश के दौर में सावधानी के साथ प्रशासन की सख्ती भी आवश्यक है. युवाओं से हम यही कहते है गहरे पानी की तरफ जाने से बचे, लेकिन एनडीआरएफ की टीम की ऐसे स्थानों पर तैनाती जरूरी है.