अलवर में होली पर निकाला सेठ सेठानी का स्वांग, 50 वर्षों से है ये परंपरा
Alwar News: रंगों का त्यौहर होली का नाम जैसे ही जहन में आता है एक अलग ही उमंग और उत्साह से मन भर जाता है. यूं तो होली को रंगों का त्यौहार कहा जाता है. लेकिन अलवर में होली के मौके पर शहर में नानकशाही स्वांग निकाला गया जिसमें सेठ जी सेठानी को ऊंट पर बैठाकर बाजार में बकाया वसूली करते हैं.
Alwar News: होली के त्यौहार को देखते हुए हर वर्ष की भांती इस वर्ष भी पहल सेवा संस्थान द्वारा होली के मौके पर शहर में नानकशाही स्वांग निकाला गया। जिसमें सेठ जी सेठानी को ऊंट पर बैठाकर बाजार में बकाया वसूली को निकले तो सेठानी शहर की रंगत देखती चल रही थी तो वहीं सेठजी के साथ मुनीम हाथ में बहीखाता लेकर बाजार में अपनी उगाही करते चल रहे थे.
होली से एक दिन पूर्व करीब 50 से अधिक सालों से सेठ-सेठानी का यह स्वांग निकाला जा रहा है. इस बार स्वांग में सेठ-सेठानी के साथ उनकी सखी भी मौजूद थी. पहल सेवा संस्थान द्वारा यह आयोजन हर बार होली पर किया जाता है इसमें राधा-कृष्ण बने कलाकारों ने आमजन सहित दुकानदारों पर फूल बरसाए. जहां से भी स्वांग गुजरा उसे देखने के लिए लोगों की सड़कों पर भीड़ जमा हो गई.
इस दौरान सेठ ने बाजार में दुकानदारों के पास पहुंच कर उनसे तगादा किया यह स्वांग पहल सेवा संस्थान द्वारा होली पर निकाला जाता है. यह नानकशाही स्वांग काशीराम चौराहा से शुरू हुआ और पूरे शहर और बाजारों से होकर गुजरा। यह एकमात्र ऐसा स्वांग है जो अलवर वासियों को होली के दिनों की याद दिलाता है.
होली पर स्वांग निकालने की यह परंपरा आज भी बखूबी निभाई जा रही है. वेशभूषा संवाद अदायगी और हाव-भाव की इस परंपरा इसमें और चार चांद लगा देते हैं. स्वांग के दौरान सेठ और मुनीम अपनी उधारी मांगने विभिन्न बाजार में दुकानदारों के पास पहुंचे जहां मुनीम की ओर से दुकानदारों से दुकान का हिसाब किताब मांगा गया वही स्वांग के दौरान राधा कृष्ण की झांकी भी आकर्षक का केंद्र रही.
राधा कृष्ण ने बाजारों में सड़कों पर चलने वाले लोगों के ऊपर फूल बरसाए. इस मौके पर संस्था से जुड़े जितेंद्र गोयल , सुनील चौधरी , मनोज चौहान , दिनेश भार्गव आदि मौजूद रहे.