kathumar, Alwar News: अलवर के खेड़ली कस्बे में नगरपालिका के सफाईकर्मियों की हड़ताल के चलते आज दूसरे दिन भी कस्बे के बाजारों, वार्डों सहित गली-मौहल्लों मे साफ-सफाई नहीं होने से जगह-जगह कूड़े, कचरों सहित गंदगी के ढेर लगे हैं.


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वहीं, नालियों की साफ-सफाई नहीं होने से नालियों का बदबूदार गंदा पानी सडकों पर आने लगा है. लोग इस हड़ताल से परेशान हो रहे हैं. दरअसल प्रदेश में होने वाली सफाई कर्मियों की भर्ती में अन्य वर्गों को भी शामिल करने का वाल्मीकि समाज विरोध कर रहा है, जिसके चलते यह हड़ताल चल रही है. 


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खेड़ली में दूसरे दिन भी सफाई कर्मचारी हड़ताल पर रहे, नगरपालिका प्रशासन द्वारा इस समस्या से निपटने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी अभी तक नहीं किए जाने से आमजन में रोष व्याप्त है. वहीं, कस्बे में पसरे गंदगी के आलम से कोरोना महामारी का संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है, जिससे लोगों में भय का महौल बना हुआ है. 


गौरतलब है कि वाल्मीकि समाज द्वारा सफाईकर्मीओं की भर्ती मे ओवीसी,सामान्य वर्ग को शामिल करने के विरोध में हड़ताल की जा रही है. वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों का आरोप हैं कि अन्य वर्गों के लोग उनके अधिकारों को छीन रहे हैं, जबकि उनके समाज द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी साफ-सफाई, मैला ढोने का काम करते रहे हैं. जबकि अन्य वर्गों के लोग भर्ती होने के बाद भी सफाई का काम नहीं करते हैं.  


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इस मामले में स्थानीय सफाई मजदूर कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष संजय वाल्मीकि ने बताया कि हमारे समाज की पांच मांगे हैं, जिनको पूरा होने पर ही वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मी काम पर लौटेंगे. वहीं, मांग पत्र में उन्होंने 30 हजार पदों की भर्ती में वाल्मीकि समाज के लोगों को शामिल करने, अन्य वर्गों से लगे 2018 में सफाईकर्मियों को सफाई के कार्य में लगाने, ऑफलाइन आवेदन करने, वाल्मिकी समाज के लिए अनुभव प्रमाणपत्र की अनिवार्यता समाप्त करने सहित कई मांग रखी हैं.