Mundawar: मोर के जीवन पर छाया संकट, अलवर में मौतें बनी चिंता का विषय
Mundawar, Alwar mews: अलवर जिले के शाहजहांपुर क्षेत्र के सिरयानी गाव के जंगलो में राष्ट्रीय पक्षी मोरो की जिंदगी संकट में पड़ रही है. मोरों की जिंदगी बचाने के लिए तमाम जतन करने के बाद भी अब तक दो मोर उनके सामने मंदिर परिसर में ही मर चुके हैं.
Mundawar, Alwar mews: अलवर जिले के शाहजहांपुर क्षेत्र के सिरयानी गाव के जंगलो में राष्ट्रीय पक्षी मोरो की जिंदगी संकट में पड़ रही है. सिरयानी के बाबा कुंदनदास मंदिर परिसर में सुबह दो मोरो की अज्ञात कारणों के चलते दम तोड़ दिया , लेकिन मोरो के अछेत होकर गिर जाने से किसी बीमारी का अंदेशा बना हुआ लेकिन इस पर कोई विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है.
बता दें कि ग्रामीणों के जरिए मोरों की जिंदगी बचाने के लिए तमाम जतन करने के बाद भी अब तक दो मोर उनके सामने मंदिर परिसर में ही मर चुके हैं, जबकि 2 अब भी गंभीर बीमार बताए जा रहे हैं , इससे पहले भी एक मोर की अज्ञात बीमारी से मौत हो चुकी है. इसके अलावा कई पक्षी पहले भी बीमार हुए और कई अब भी बीमार हैं।
इस बारे में सिरयानी सरपंच उमा शंकर ने बताया की राष्ट्रीय पक्षी की अज्ञात बीमारी को लेकर ग्रामीण परेशान हैं, लेकिन न तो वन विभाग न ही सरकारी अमला इसे लेकर गंभीर दिख रहा है. ग्रामीणों के अनुसार सिरयानी गाव के जंगल के चारों और सैकड़ों की संख्या में मोर रहते हैं, जिनके खाने, पीने के लिए गांव के बाबा कुंदनदास मंदिर सहित पहाड़ी क्षेत्र में विचरण करते रहते है.
करीब चार पांच दिन पहले यहां अचानक मंदिर परिसर में 3-4 मोर चक्कर खाकर गिरे पड़े मिले. बीमार मोर न ठीक से सांस ले पा रहे हैं न ही चल पा पाते, न उड़ पाते है। चक्कर आने से घूमते हैं, और बार बार गरदन एक ओर लटक जाती है. बीमार हुए मोर की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी थी लेकिन कोई वनकर्मी अब तक नहीं पहुंचा. आखिर बीमारी से मोरो की मोत क्यों हो गई . ग्रामीणों द्वारा मोरों की जिंदगी बचाने के लिए त huiमाम जतन करने के बाद भी अब तक दो मोर उनके सामने मंदिर परिसर में ही मर चुके हैं, जबकि 2 अब भी गंभीर बीमार हैं.
ये भी पढ़ें- राजस्थान में अरविंद केजरीवाल को रोकने के लिए अशोक गहलोत ने बनाया ये मास्टर प्लान