Alwar news: पानी की मांग को लेकर किसानों ने नया तरीका अपनाया, बाइक रैली निकालकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया
Alwar news: चंबल के पानी की मांग को लेकर 5 दिन से चल रहे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में शामिल होने के लिए रवाना हुई. बाइक रैली में आक्रोशित किसानों ने बंजर धरती करे पुकार चंबल का पानी दे सरकार इन नारों के साथ जमकर प्रदर्शन किया .
Alwar news: नौगांवा कस्बे से किसानों ने बाइक रैली का शुभारंभ किया जोकि रामगढ़ कस्बे होती हुई बगड़ तिराया से बड़ौदामेव खोरपुरी तिवारी पर चंबल के पानी की मांग को लेकर 5 दिन से चल रहे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में शामिल होने के लिए रवाना हुई. रामगढ़ पंचायत समिति के बाहर बाइक रैली में आक्रोशित किसानों ने बंजर धरती करे पुकार चंबल का पानी दे सरकार इन नारों के साथ जमकर प्रदर्शन किया. रामगढ़ पुलिस भी बाइक रैली की व्यवस्था बनाने के लिए रैली के साथ मौजूद रही.
दरअसल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से रूपारेल नदी में को जोड़ने की मांग को लेकर बड़ौदामेव के खोरपुरी तिबार पर 5 दिन से दर्जनों किसानों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन चल रहा है. धरना प्रदर्शन में शामिल होने के लिए किसानों ने सरकार के खिलाफ विरोध जताने का नया तरीका अपनाया अलावड़ा पूर्व सरपंच कमल चंद जाटव के नेतृत्व में दर्जनों युवाओं ने सरकार के खिलाफ विरोध जताते हुए बाइक रैली निकालकर धरना प्रदर्शन में शामिल होने के लिए रवाना हुए. जहां पर सभी जगह के किसान धरना प्रदर्शन में समर्थन देने के लिए शामिल होंगे.
पूर्व सरपंच कमल चंद जाटव ने बताया कि केंद्र सरकार व राजस्थान सरकार से लंबे समय से किसानों की मांग है कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से रूपारेल नदी,हंस सरोवर बांध, पीपरोली बांध,घाट बांध जैसे बांधों को जोड़ने की मांग को लेकर कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं. क्षेत्र में पानी की कमी की वजह से खेती किसानों की घाटे में जा रही है स्थिति ऐसी है कि लाखों रुपए के बोरवेल में लगाने के बाद भी किसानों को पानी मिलने की कोई उम्मीद नहीं किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है. भविष्य में पानी की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी.
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अलवर सहित पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए बनी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से अलवर के किसानों को खेती के लिए पानी नहीं दिया जा रहा है जबकि सरकार सर्वे भी बता चुकी है कि क्षेत्र में भयंकर डार्क जोन की स्थिति बन चुकी है इस हालत में किसानों को चंबल पानी नहीं दिया जाता है तो मजबूरन किसानों को जमीन छोड़कर पलायन करना पड़ेगा. जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी.
REPORTER- ARUN VAISHNAV