Alwar: बाबा मोहन राम पीजी कॉलेज के 950 विद्यार्थियों के भविष्य पर लटकी तलवार,कॉलेज प्रबंधन समिति ने स्टाफ को दिखाया बाहर का रास्ता
Alwar: अलवर के भिवाड़ी के बाबा मोहन राम किसान पीजी कॉलेज में पढ़ रहे करीब 950 विद्यार्थियों के भविष्य पर तलवार लटक चुकी है, क्योंकि महाविद्यालय प्रबंधन समिति के द्वारा लगाया गया करीब 18 लोगों के स्टाफ को प्रबंधन समिति ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है, तो वहीं सरकार की तरफ से कॉलेज में अभी तक एक भी स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है.
Alwar: अलवर, भिवाड़ी में संचालित बाबा मोहन राम राजकीय पीजी किसान कॉलेज में पढ़ने वाले करीब 950 विद्यार्थियों का भविष्य इन दिनों अंधकार में है. क्योंकि ट्रस्ट के द्वारा संचालित इस विद्यालय को राज्य सरकार ने अधिग्रहित तो कर लिया लेकिन बीते 2 सालों से इसमें एक भी कर्मचारी नियुक्त नहीं किया जिससे विद्यालय में पढ़ने वाले 950 विद्यार्थी एक साल से कुछ भी नहीं पढ़ पा रहे हैं.
आने वाले अप्रैल महीने में इन विद्यार्थियों की परीक्षाएं भी आयोजित होने वाली है जिससे इनकी परीक्षा पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
भूतपूर्व सैनिक कल्याण संघ समिति भिवाड़ी ने समिति के द्वारा लगाए गए स्टाफ को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है. समिति के द्वारा स्टाफ को करीब बीते 8 महीने से वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया है, जिसको लेकर कॉलेज का स्टाफ शनिवार को कॉलेज के बाहर अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन पर उतर आया और कॉलेज के गेट के सामने ही दरी बिछाकर पूरा स्टाफ धरने पर बैठ गया और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगा.
प्रोफेसर डॉक्टर दीपिका ने बताया कि सन 2003 में महाविद्यालय प्रबंधन समिति ( भूतपूर्व सैनिक कल्याण संघ भिवाड़ी ) के द्वारा इस कॉलेज को शुरू किया गया था. बजट घोषणा 2019-20 में इसे राजकीय कॉलेज का दर्जा दे दिया गया था.
2003 से 2020 तक इसमें समिति के स्टाफ ने हीं अपनी सेवाएं दी हैं, जब कॉलेज को राजकीय कॉलेज घोषित किया गया था. तब सरकार ने एक समिति बनाई थी और उसमें यह वादा किया था कि कॉलेज में कार्य कर रहे 11 सैक्षिक और 8 असैक्षिक कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा.
बाकायदा कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया के तहत जयपुर बुलाकर इन के सभी डाक्यूमेंट्स भी वेरीफाई किए गए थे, लेकिन सरकार की तरफ से ना तो अभी स्टाफ को नियमित किया गया है. ना ही कॉलेज में सरकार की तरफ से नया स्टाफ नियुक्त किया गया है. गत 8 महीनों से समिति का स्टाफ ही निशुल्क कॉलेज में विद्यार्थियों को पढ़ाने का काम कर रहा है.
वही समिति प्रबंधन ने भी समिति का कोष खाली होने की बात कह कर स्टाफ को सैलेरी देने से मना कर दिया है.पूरे स्टाफ को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. अब कॉलेज में अनेक पदों पर काम कर रहे करीब 18 लोगों के सामने रोजगार का संकट आ खड़ा हुआ है.
इन लोगों नाव अब दो भंवर के बीच में फंस चुकी है, इधर कॉलेज प्रबंधन समिति ने उन्हें कॉलेज से निकाल दिया है तो वहीं राज्य सरकार उनको नियमित नहीं कर रही है. वहीं, गत 1 साल से कॉलेज में विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है.नोडल केंद्र तिजारा के द्वारा ही विद्यार्थियों के फॉर्म भरे जा रहे हैं और नए एडमिशन भी किए गए हैं. लेकिन आने वाले अप्रैल महीने में विद्यार्थियों की परीक्षाएं होने वाली है अब छात्रों की परीक्षा पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
वहीं, छात्रसंघ अध्यक्ष देवेंद्र बिधूड़ी ने बताया कि सरकार कॉलेज की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है ,1 साल से कॉलेज में बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं हो रही है. समिति ने कॉलेज स्टाफ को बाहर का रास्ता दिखा दिया है,
तो वहीं सरकार उन्हें नियमित भी नहीं कर रही है.ना ही सरकार की तरफ से नए स्टाफ की नियुक्ति की गई है.जिससे कॉलेज के विद्यार्थियों की पढ़ाई राम भरोसे ही है. अगर जल्दी ही सरकार ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया तो छात्र संघ आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा.
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