Alwar: पुलिस महा निरीक्षक अपराध राहुल प्रकाश ने आज अलवर पुलिस अन्वेषण भवन में अधिकारियों की बैठक ली और अपराध नियंत्रण के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए. बैठक में सबसे ज्यादा इस बात पर चर्चा की गई कि जो संगठित गिरोह हैं साइबर ठगी के मामले हैं उन पर नियंत्रण रखा जाए और अपराधियों को किसी भी स्थिति में नहीं छोड़ा जाए.


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मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि डीजीपी उमेश मिश्रा ने संगठित अपराधों पर रोकथाम के लिए राजस्थान में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. इसके अलावा एडीजीपी क्राइम दिनेश एनएम ने जब से कार्यभार संभाला है तब से ऐसे अपराधों को रोकने के लिए पूरा काम किया जा रहा है उन्होंने कहा कि ऐसा अपराध जिसे भय व्याप्त हो संपत्ति शरीर को खतरा हो ऐसा अपराधियों को चिन्हित किया जा रहा है और जहां-जहां ऐसा अपराध ज्यादा हैं वहां का दौरा किया जा रहा है.


जिसमें अलवर और भिवाड़ी महत्वपूर्ण जिले हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि कोई भी मामला होता है उसका निर्णय पुलिस नहीं करती उसका निर्णय न्यायालय करता है और कार्रवाई की सारी रिपोर्ट कोर्ट में जाती है. गैंगवार को रोकने पर पुलिस का पूरा फोकस है उन्होंने बताया कि हाईवे रोबरी साइबर क्राइम को लेकर पुलिस बहुत चिंतित है और ऐसे अपराध करने वालों का नियंत्रण के पूरे प्रयास किया जा रहे हैं. पुलिस के मिलीभगत के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसे पुलिस वालों के खिलाफ कारवाई सतत रूप से चालू है और जो भी मिलीभगत सामने आती है उसके खिलाफ कार्रवाई होती है अपराधियों के पैरों में गोली मारने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पुलिस परिस्थितियों के अनुसार कार्य करती है और पुलिस विधिक मापदंड के अनुकूल ही बदमाश पर फायरिंग करती है. दोनों ओर से मुठभेड़ होने की स्थिति में परिस्थितियों देखी जाती हैं और हर घटना एक दूसरे से अलग होती है.


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