Sariska Tiger Terror: अलवर सरिस्का टाइगर रिजर्व से निकला टाइगर St2303 अब हरियाणा पहुंच चुका है. टाइगर को ट्रेंकुलाइज करने वाली टीम लगातार उसका पीछा कर रही है. 7 महीने में यह दूसरी बार है जब टाइगर हरियाणा पहुंचा है. 


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अब तक ये टाइगर 5 लोगों पर हमला कर चुका है, जिसके कारण लोगों में डर का माहौल है. बाघ के डर से ग्रामीणों ने अपने जानवरों को भी अंदर बंद कर दिया है. बताया जा रहा है कि बाघ दिन के समय छुप जाता है और रात के समय दिखाई देता है. 


 



सरिस्का के रेंजर शंकर सिंह ने कहा कि टाइगर के पगमार्क हरियाणा सीमा के झाबुआ गांव में साबी नदी के पास मिले हैं, जिससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह टाइगर अब हरियाणा सीमा में प्रवेश कर चुका है. उन्होंने कहा कि बाघ को रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग की टीमें लगी हैं.


 



हरियाणा पहुंचा टाइगर St2303


स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त को बाघ सरिस्का से निकला था, पहले मुंडावर के दरबारपुर गांव में गया. उसके बाद रात को ही ये हरियाणा में प्रवेश कर गया. झाबुआ गांव के खेतों में बाघ को तलाशा जा रहा है. शंकर सिंह ने बताया कि सात माह पहले भी एक टाइगर हरियाणा पहुंचा था, लेकिन पिछली बार बाघ अलग रास्ते से गया था.  


 



ट्रेंकुलाइज के अधिकारी डॉक्टर अरविंद माथुर ने बताया कि टाइगर को तलाशा जा रहा है. उसे ट्रेंकुलाइज तभी किया जाएगा जब वो पूरी तरह से कंफर्टेबल होगा. टाइगर St2303 रात में चल रहा है और दिन में फसलों के बीच में छुप जाता है, इसकी रफ्तार भी काफी तेज है. टाइगर अभी कंफर्टेबल स्थिति में नहीं है. एनटीसीए की गाइडलाइन के मुताबिक कंफर्टेबल स्थिति में आने के बाद ही टाइगर को ट्रेंकुलाइज किया जाएगा.


 



बता दें कि टाइगर के हमले के बाद घायल हुए लोगों से मिलने के लिए कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली अस्पताल पहुंचे. घायलों से मिलकर उनका हाल जाना और बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का आश्वासन भी दिया.