Alwar latest News: राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का बाघ परियोजना अकबरपुर रेंज में गर्मियों के चलते वन्य जीवों को पानी की व्यवस्था की जा रही है. जहां जर्जर वॉटरहोल्स को रिपेयर कर पानी भरने योग्य बनाए जा रहे हैं. क्योंकि गर्मियों के चलते जल स्रोत सूखने लग जाते हैं. जिसके कारण वन्य जीवों को पानी की तलाश में परेशान ना हों और गर्मियों में पानी की भी वन्य जीवों को आवश्यकता रहती है. जिसको देखते हुए वन विभाग द्वारा वन्य जीवों को पानी की पूर्ति के लिए लिए इंतजाम किया गया है. जिसमें कई जगह कृत्रिम वाटर होल्स जो जर्जर हो गए हैं. 


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उन्हें रिपेयर कर दिया है. जिसमें माधोगढ़ क्षेत्र में बेनामी आश्रम के पीछे वाटरहोल तैयार किया है. जिससे कि वन्य जीवों को समय पर पानी की व्यवस्था हो सके. क्योंकि पानी के चक्कर में वन्य जीवों को इधर-उधर भटकना पड़ता है. और कभी कभार वन्य जीव गांव की ओर पलायन कर जाते हैं. जहां उन्हें शिकार होने का भी डर रहता है. गांव में पहुंचने पर श्वान उनके पीछे तक पड़ जाते हैं. जहां उन्हें घायल कर देते हैं. जिसको देखते हुए वन विभाग द्वारा पानी की व्यवस्था की है. ट्रैक्टर टैंकर से मंगाया जा रहा है. 


अकबरपुर रेंजर राजेंद्र शर्मा का कहना है कि अकबरपुर रेंज में प्राकृतिक जल स्रोतों में पानी वर्ष भर तक रहता है. लेकिन गर्मियों के चलते जो कृत्रीम वाटर होल बनाए गए हैं. वह सूख जाते हैं. उनमें विभाग द्वारा समय-समय पर जल पहुंचाया जा रहा है. जहां करीब 21 जल स्रोत प्राकृतिक रूप से बने हुए हैं. जो विभिन्न स्थानों पर है. जिसमें सिलीबेरी, रूपा रेल नदी, गरबा जी बगल का झरना अन्य कई जगह पर भी स्थित है. जिसमें हमेशा पानी रहता है. करीब 16 कृत्रिम वाटर होल बनाए गए हैं. उनमें ट्रैक्टर टैंकर द्वारा पानी पहुंचाया और भरा जाता है. जिससे कि वन्य जीव को पानी समय पर मिल सके. 


अपने स्थान पर वन्य जीव को पानी आसानी से प्राप्त हो सके. वहीं ट्यूबवेल भी लगाई गई है. जिससे सभी पानी के वाटर होल भरे जाते हैं. वन्य जीव के लिए गर्मियों में पानी की पूरी व्यवस्था है. जिससे उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा. फॉरेस्टर पवन मीणा ने बताया कि अकबरपुर रेंज में जो कृत्रिम वॉटरहोल्स हैं वो जर्जर हो गए हैं. जिनमें पानी नहीं ठहरता है. गर्मी को देखते हुए और वन्य जीवों को पानी की व्यवस्था के लिए वॉटर होल्सों को दुरुस्त कर दिया गया है. जिससे कि वन्य जीवों को अपनी जगह पानी की व्यवस्था हो सके.