Alwar: राजस्थान सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में आमजन को राहत पहुंचाने के बड़े बड़े दावे किए जाते है. निरोगी राजस्थान से लेकर चिरंजीवी योजना चलाकर निशुल्क दवा ओर इलाज दिया जाता है, लेकिन जमीनी स्तर पर अनेको जगहों पर सरकारी दावे बेमानी साबित होते है. 


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अगर अलवर जिले की बात करें तो अलवर के राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय में रोजाना की तीन हजार से ज्यादा की ओपीडी है, लेकिन यहां अनेकों जांच डॉक्टर्स द्वारा बाहर की लिखी जा रही है, जिससे मरीजों को निजी लैब पर जाकर जांच करानी पड़ रही है. यहां न्यूरो और हार्ट के डॉक्टर न होने के चलते मरीजो को बाहर का इलाज कराना पड़ता है. वहीं, अगर दवाओं की बात करे तो सरकार निशुल्क दवा उपलब्ध कराती है. 


जिले के 137 पीएचसी पर 527 में से 414 दवा उपलब्ध कराने का दावा किया जाता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रो में निशुल्क दवा के नाम पर औपचारिकता निभाई जाती है कमोबेश यही हालत 42 सीएचसी पर देखा जा सकता है. अब अगर गर्मी के हालातों पर नजर डाले सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों के परिजन बिना पंखे के गर्मी में बेहाल नजर आ रहे हैं. 
Report- Jugal Gandhi


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