Alwar News : अलवर विश्व अस्थमा दिवस प्रत्येक वर्ष मई महीने के पहले मंगलवार को मनाया जाता है. इस साल यह 2 मई को मनाया गया . इसका प्रमुख उद्देश्य है कि लोगों को अस्थमा के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया जाए.


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रिपोर्ट के अनुसार कोविड के बाद अस्थमा मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. टीवी रोग विशेषज्ञ डॉ कपिल भारद्वाज ने बताया कि दुनिया में अभी लगभग 26 करोड लोग अस्थमा से पीड़ित हैं. अस्थमा साँस से जुड़ी बीमारी है. जिसमें फेफड़ों और साँस की नलियों में सूजन आ जाती है. सूजन के कारण सांस की नली सिकुड़ जाती है और फेफड़े अति संवेदनशील हो जाते हैं. जिससे अस्थमा से ग्रसित मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है.


अस्थमेटिक लोगों को धूल, ठंड, वायरस, हवा में प्रदूषण कई बार इस परेशानी का कारण बनते हैं. अस्थमा के शुरुआती लक्षण छाती में बार-बार जकड़न, सांस लेने में दिक्कत और खांसी होती है. बच्चों में अस्थमा का महत्वपूर्ण लक्षण रात या सुबह के समय बार बार खांसी, सीटी की आवाज आना, दम भरने जैसे कोई भी लक्षण दिखाई देते है तो उस व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.


उन्होंने बताया कि अस्थमा पूरी तरह से ठीक तो नहीं हो सकता. लेकिन इसे नियंत्रित करके जिंदगी को जिया जा सकता है. इसके लिए कई तरह की थेरेपी व दवाइयां मौजूद है. लेकिन लोगों में सबसे ज्यादा विश्वास इनहेलर को लेकर है इनहेलर में टेबलेट और सिरप की तुलना में 20 गुना कम दवा व्यक्ति को देनी होती है. राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय में प्रतिदिन 15 से 20 मरीज इलाज के लिए आते हैं. जनवरी 2022 से अप्रेल 23 तक 15 महिने में 28518 अस्थमा के रोगी मिले.


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