Bansur: शरद पूर्णिमा पर ठाकुर जी महाराज मंदिर में लगाया गया 101 किलो खीर का लंगर
बानसूर के रामबाग परिसर में स्थित ठाकुर जी महाराज मंदिर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस दौरान अमृत रूपी खीर का भोग लगाया गया और 101 किलो खीर का प्रसाद बांटा गया.
Bansur: शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर बानसूर के रामबाग परिसर में स्थित ठाकुर जी महाराज मंदिर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया और इस दौरान अमृत रूपी खीर का भोग लगाया गया और 101 किलो खीर का प्रसाद बांटा गया. बिहारी जी महाराज रामबाग मन्दिर पर शरद पूर्णिमा पर्व उल्लास से मनाया गया. जिसमे रात को 101 किलो खीर का प्रसाद बनाकर ठाकुर जी को भोग लगाया गया.
5G In India: जियो, एयरटेल और BSNL ने 5G सर्विस लॉन्च करने का किया ऐलान, ये हैं ऑफर्स
मंदिर के व्यवस्थापक ललित कुमार सैनी ने बताया कि रात को 12 बजे अमृत रूपी खीर का ठाकुर जी के भोग लगाकर प्रसाद श्रद्धालुओं को वितरित किया गया. वहीं, मंदिर संरक्षक विजय कुमार सैनी ने बताया की शरद पूर्णिमा की ऐसी मान्यता है कि इस दिन रात को चंद्रमा से अमृत वर्षा होती है. यही वजह है कि रात को चंद्रमा की रोशनी में पकी हुई खीर रखने की परंपरा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा अपनी पूरी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन जब किया जा रहा था तब शरद पूर्णिमा के दिन ही मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं.
इस वजह से शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव के साथ मां लक्ष्मी की पूजा शुभ मानी जाती है. मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. वही शरद पूर्णिमा पर्व पर ठाकुर जी का विशेष श्रृंगार किया जाता है. वही पंडित मदन लाल शर्मा ने सुंदरकांड पाठ किया गया. इस दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे. वहीं, सुबह से ही मंदिर परिसर में भगवान की प्रसादी पाने के लिए बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ जमा हो गई. सभी भक्तों को भगवान का प्रसाद वितरण किया गया.
बताया जाता है कि रात्रि को ठाकुर जी महाराज मंदिर पर खीर का भोग लगाकर खीर को चांद की रोशनी में रखा जाता है, जिससे कि चांद की रोशनी से ठाकुर जी महाराज का प्रसाद और भी लाभदायक होता है इसके बाद सुबह मंदिर परिसर पर उसी प्रसादी का वितरण किया जाता है. ग्रामीण विजय सैनी का कहना है कि बानसूर के रामबाग परिसर में ठाकुर जी महाराज मंदिर पर शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस दौरान भगवान को 101 किलो दूध के खीर का प्रसाद का भोग लगाया गया और श्रद्धालुओं को भगवान का प्रसाद वितरण किया गया.