काली भैंस ने जन्मा अनोखी गाय की बछिया ! नवजात को देखने उमड़ी भीड़, लोग कह रहे कलयुग है भईया
Buffalo gave Birth to a Cow Baby : कोटकासिम तहसील के बीबीरानी कस्बे के पास सारणवास पहाड़वास गांव में एक किसान के घर भैंस ने सफेद रंग की मादा संतान को जन्म दिया है. लोग इसे दैवीय चमत्कार मानते हुए देखने के लिए आ रहे हैं .
Buffalo gave Birth to a Cow Baby : कोटकासिम तहसील के बीबीरानी कस्बे के पास सारणवास पहाड़वास गांव में एक किसान के घर भैंस ने सफेद रंग की मादा संतान को जन्म दिया है. जिससे यह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग इसे दैवीय चमत्कार मानते हुए देखने के लिए आ रहे हैं तो वहीं डॉक्टर इसे जेनेटिक प्रक्रिया बता रहे हैं.
काली भैंस ने सफेद संतान को दिया जन्म
कोटकासिम तहसील के बिबिरानी कस्बे के पास सारणवास पहाड़वास गांव में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, गांव में रहने वाले लहरी राम फौजी पुत्र अमीचंद यादव की भैंस ने एक सफेद मादा संतान (बछिया) को जन्म दिया है जो कि गांव सहित पूरे क्षेत्र में कौतूहल का विषय बना हुआ है. अमूमन तौर पर इस तरह का मामला देखने में बहुत ही कम आता है, ऐसा म्यूटेंट कैरेक्टर (उत्परिवर्तित वर्ण) के कारण होना बताया जाता है.
दैवीय चमत्कार मानकर भैंस और सफेद बछिया को देखने आ रहे
लोग इसे दैवीय चमत्कार मानकर भैंस के द्वारा पैदा की गई सफेद मादा संतान (बछिया) को देखने के लिए आ रहे हैं, भैंस के मालिक लहरी राम फौजी ने बताया कि उन्होंने भैंस की क्रॉसिंग गांव में ही सामान्य भैंसे से कराई थी इससे पहले यह भैंस दो संतान को जन्म दे चुकी है दोनों ही संताने सामान्य प्रकृति के अनुरूप काले रंग की ही पैदा हुई थी, लेकिन यह इसकी तीसरी संतान है.
परिवार के लोग भी अचंभित हैं
सफेद कलर को देखकर परिवार के लोग भी अचंभित रह गए और सभी लोग इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ना देखते हुए दैवीय चमत्कार मान रहे हैं. नवजात मादा संतान सामान्य रूप से स्वस्थ एवं चुस्त-दुरुस्त है वह अपनी मां का दूध सामान्य रूप से पी रही है और भैंस के व्यवहार में भी किसी तरह का कोई बदलाव नहीं देखा जा रहा है. भैंस सामान्य रूप से ही उसे अपना दूध पिला रही है.
जानिए क्या है कलर चेंज होने की प्रक्रिया
कोटकासिम पशु चिकित्सालय के प्रभारी डॉक्टर नफे सिंह राणा ने बताया कि प्रकृति के विपरीत जाकर कलर का बदलाव होना लाखों में एक या दो पशुओं में ही हो सकता है, यह प्रक्रिया जीन पर डिपेंड होती है क्रोमोसोम पर जो जीव होते हैं वही जीव का कलर डिसाइड करते हैं कई बार हमारी 8 पेडिग्री से करैक्टर आते हैं. बच्चे के मां बाप के करैक्टर ज्यादा प्रभावी रहते हैं कई बार बच्चे के पीछे की चौथी और पांचवीं पीढ़ी के करैक्टर आ जाते हैं, जिसका व्यक्ति को पता नहीं रहता है. किसी भी जीव में प्रकृति के विपरीत जाकर कलर का चेंज होना पूरी जेनेटिक प्रक्रिया पर डिपेंड करता है, लेकिन यह प्रक्रिया लाखो में एक या दो पशुओं में ही देखने को मिलती है. किसी भी भैंस के सफेद कलर का बच्चा पैदा होता है तो उसको हम गौ वंश का दर्जा नहीं दे सकते है.
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यहां पर मिल चुके है इस तरह के मामले
बता दें इस तरह के अनोखे मामले लाखों में एक या दो पशुओं में ही देखने को मिलते हैं इसी तरह का एक मामला 2018 में यूपी के गोंडा जिले में देखने को मिला था जिसमें एक भैंस ने सफेद बछड़े को जन्म दिया था. इसी तरह बिहार के बलिया में भी 2017 में इस तरह का मामला देखने को मिला था यह प्रक्रिया पूरी तरह वैज्ञानिक तौर पर जेनेटिक प्रक्रिया है लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इसे दैवीय चमत्कार मान लेते हैं और यह लोगों के बीच में कौतूहल का विषय बन जाता है.